‘वायरस से हमारी मौत भी हो जाए, तो किसी को क्या फ़र्क पड़ता है?'
यह मुंबई के सफ़ाई कर्मचारियों की कहानी है, जो कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में सबसे आगे खड़े रहे हैं. मज़दूरी मिलने में होने वाली देरी, और सुरक्षा उपकरणों की कमी के बावजूद, वे माहुल क्षेत्र की ज़हरीली हवा में भी कचरा साफ़ कर रहे हैं