‘लोग हमें ऐसे घूरते हैं जैसे हम कोई बुरी आत्मा हों’
इचलकरंजी शहर में ट्रांसजेंडर (विपरीतलिंगी) व्यक्तियों को हर जगह भेदभाव का सामना करना पड़ता है – घर में, स्कूल में, आवास में, सड़क पर। वे आम लोगों के रूप में देखे जाने और थोड़ा सम्मान के साथ काम पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं
मिनाज लत्कर एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय, पुणे से जेंडर स्टडीज़ में एमए कर रही हैं। यह लेख पारी के एक प्रशिक्षु (इंटर्न) के रूप में उनके काम का हिस्सा है।
See more stories
Translator
Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।