लॉकडाउन-के-रद्दा-मं-जमलो-के-आखिरी-साँस

Bijapur, Chhattisgarh

May 14, 2022

लॉकडाउन के रद्दा मं जमलो के आखिरी साँस

तेलंगाना के मिर्चा के खेत मं माँघ के महिना मं काम-बूता करे गिस छत्तीसगढ़ के 12 बछर के आदिवासी टूरी बइसाख के घाम मं दुसर संगी मजूर मन संग अपन गाँव पइदल रेंगत लहूँटत रहिस.तीन दिन तक रेंगत घर हबरे के पहिली ओकर परान चले गे.परी ह ओकर गाँव जाके जम्मो बात ला जानिस

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Author

Purusottam Thakur

पुरुषोत्तम ठाकुर 2015 परी फेलो आय.वो हा पत्रकार अउ वृत्तचित्र फिल्म निर्माता आय. ये बखत अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के संग काम करत हंवय.समाज के परिवर्तन बार कहिनी लिखत हंवय.

Author

Kamlesh Painkra

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में रहैय्या कमलेश पैंकरा हा पत्रकार आय, वो हा हिंदी के दैनिक अख़बार 'नवभारत' बर काम करथे.

Translator

Nirmal Kumar Sahu

निर्मल कुमार साहू पारी के छत्तीसगढ़ी अनुवाद संपादक आंय. पत्रकार अऊ अनुवादक के रूप मं वो ह छत्तीसगढ़ी अऊ हिंदी दूनों भाखा मं काम करत हवंय. निर्मल ला छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाचार पत्र मन मं तीन दसक के अनुभव हवय अऊ वो ह ये बखत देशडिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक हवंय.