उत्तराखंड का हरा-भरा सातपेर इलाक़ा, जहां बाहरी लोगों को जाने की शायद ही अनुमति है, हमारी संवाददाता ने यह स्टोरी करने के लिए, खच्चर वाले रूट से 25 किलोमीटर तक ढलवान और ख़तरनाक रास्तों पर घंटों चढ़ाई की और उस जगह पहुंची, जहां गांव वाले कीड़ा-जड़ी, अर्थात सूंडी कवक चुनते हैं, जिसे बेचकर मोटा पैसा तो कमाया जाता है लेकिन सीमापार इसका व्यापार अवैध है