कृत्रिम-कपड़े-असली-निराशा

Surat, Gujarat

Nov 25, 2018

कृत्रिम कपड़े, असली निराशा

ओडिशा के गंजम से लाखों प्रवासी श्रमिक, जो देश की पॉलिएस्टर राजधानी, सूरत में पावरलूम चलाते हैं, हर दिन गंभीर चोटों और आकस्मिक मौतों जैसा जोखिम उठाते हैं। फिर भी, काम की होड़ में इसे छोड़ने को तैयार नहीं

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Author

Reetika Revathy Subramanian

रीतिका रेवथी सुब्रमण्यम मुंबई स्थित पत्रकार और शोधकर्ता हैं। वह पश्चिमी भारत में अनौपचारिक क्षेत्र में मज़दूरों के पलायन पर काम कर रहे एनजीओ, आजीविका ब्यूरो के साथ एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम कर रही हैं

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।