ऊ विराट कोहली के दीवाना रहस, त उनकरा बाबर आजम नीमन लागत रहस. कोहली शतक बनावस, त ऊ उऩकरा छेड़ देस आउर जब बाबर नीमन शॉट मारस, त ऊ उनकरा मुंह बिलावस. आयशा आउर नुरुल हसन के बीच एहि तरह हंसी-मजाक लागल रहत रहे. क्रिकेट दूनो प्राणी के बीच लगाव आउर पिरित के भाषा बन गइल रहे. ओह लोग के अइसन पगलैटी देखके लोग अचंभा करे कि दूनो प्राणी के ‘अरेंज मैरिज’ (परिवार के तय कइल बियाह) बा.

जून 2023 में जब बिस्व क्रिकेट कप के टाइम टेबल (समय सारिणी) आइल, त आयशा के आंख चमके लागल. भारत आउर पाकिस्तान के बीच के मैच 14 अक्टूबर के गुजरात के अहमदाबाद में होखे के रहे. तीस बरिस के आयशा बतइली, “हम नुरुल के कहनी कि हमनी के ई मैच स्टेडियम जाके देखे के चाहीं.” पस्चिमी महाराष्ट्र में आपन नइहर राजाचे कुरले गांव में बइठल ऊ ओह दिन के इयाद करे लगली. “भारत आउर पाकिस्तान के बीच कमे आमना-सामना होखेला. हमनी खातिर ऊ बड़ा दुर्लभ दिन रहे. दुनो प्राणी के मनपसंद खेलाड़ी के संगे खेलत देखे वाला दिन.”

तीस बरिस के नुरुल सिविल इंजीनियर रहस. एन्ने-ओन्ने फोन खड़का के ऊ कइसहूं दू ठो टिकट के इंतजाम कइलन. दुनो लोग बहुते खुस रहे. आयशा ओह घरिया पेट से रहस. उऩकर छठमा महीना चलत रहे. ऊ लोग बहुते संभार के सतारा जिला के आपन गांव पुसेसावली से 750 किमी जाके मैच देखे के योजना बनइलक. ट्रेन के टिकट बुक हो गइल, रहे के भी बंदोबस्त हो गइल. आखिर में जब ऊ दिन आइल, ई जोड़ा उहंवा पहुंच ना सकल.

चौदह अक्टूबर, 2023 के जब भोर भइल, नुरुल के मरला एक महीना हो चुकल रहे, आयशा के जिनगी के सूरुज डूब गइल रहे.

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महाराष्ट्र के सतारा शहर से कोई 60 किमी दूर पड़े वाला एगो गांव, पुसेसावली में ऊ 18 अगस्त, 2023 के दिन रहे. उहे दिनवा एगो स्क्रीनशॉट वायरल भइल. गांव के 25 बरिस के एगो मुस्लिम लइका आदिल बागवान के इंस्टाग्राम पर एगो कमेंट में हिंदू देवता सभ के गाली देवत देखल गइल. आदिल आजो एके बात कहेलन कि ऊ स्क्रीनशॉट फरजी रहे, फोटोशॉप कइल रहे, आउर इहंवा ले कि इंस्टाग्राम पर उनकर दोस्त लोग भी असली कमेंट ना देखले रहे.

कानून-ब्यवस्था में कोई गड़बड़ी ना होखे, एह खातिर पुसेसावली में मुस्लिम समुदाय के वरिष्ठ लोग मिलके आदिल के पुलिस लगे ले गइल आउर स्क्रीनशॉट जांचे के कहलक. पुसेसावली में एगो गैराज चलावे वाला 47 बरस के सिराज बागवान कहत बाड़न, “हमनी इहो कहनी कि जदि आदिल गलत पावल गइलन, त उनकरा सजा मिले के चाहीं. आउर हमनी एह बात के कड़ा निंदा करेम.” पुलिस आदिल के फोन जब्त कर लेलक आउर उनकरा खिलाफ दू धरम के बीच नफरत फइलावे के आरोप में शिकायत दरज कइलक.

'We also said that if Adil is found guilty, he should be punished and we will condemn it,' says Siraj Bagwan, 47, who runs a garage in Pusesavali village
PHOTO • Parth M.N.

हमन इहो कहनी कि जदि आदिल गलती कइले बाड़न, त उनकरा सजा मिले के चाहीं. आउर हमनी एह बात के निंदा करेम ,’ पुसेसावली में एगो गैराज चलावे वाला 47 बरस के सिराज बागवान कहलन

एकरा बावजूद सतारा के कट्टर हिंदू गुट के लोग अगिला दिन पुसेसावली में एगो रैली निकाललक. एह रैली में मुसलमान लोग के खिलाफ बढ़-चढ़ के हिंसा करे के बात कइल गइल. ऊ लोग कानून-ब्यवस्था अपना हाथ में लेवे के धमकियो देलक.

सिराज आउर मुस्लिम समुदाय के दोसर वरिष्ठ लोग, जे तुरंते स्थानीय पुलिस स्टेसन जाके स्क्रीनशॉट के निष्पक्ष जांच के अरजी देले रहे, पुसेसावली में रहे वाला दोसर मुस्लिम लोग के सुरक्षा खातिर गुहार लगइलक. काहे कि ओह लोग के एह घटना से कवनो बास्ता ना रहे. सिराज इयाद करत बाड़न, “हमनी पुलिस से कहनी कि दंगा होखे के घोर आशंका बा. हमनी एह सभ के रोके खातिर कवनो कदम उठावे खातिर ओह लोग के हाथ-गोड़ पड़नी.”

अइसे त सिराज के हिसाब से, औंध पुलिस स्टेसन, जेकरा अंतर्गत पुसेसावली आवेला, के सहायक पुलिस निरीक्षक गंगा प्रसाद केंद्रे ओह लोग के मजाक उड़इलन. ऊ इयाद करत बाड़न, “हमनी से पूछल गइल कि हमनी पैगंबर मोहम्मद के काहे मानिला, ऊ त मामूली आदमी रहस. तनिको बिस्वास ना होखत रहे एगो बरदी वाला आदमी अइसन बात करत रहे.”

अगिला दू हफ्ता ले, दू ठो कट्टरपंथी दक्षिणपंथी समूह- हिंदू एकता आउर शिवप्रतिष्ठान हिंदोस्तान, के लोग पुसेसावली में सक्रिय हो गइल. ऊ लोग अचके रस्ता में मुसलमान लोग के रोक देवे आउर ओह लोग के ‘जय श्री राम’ के नारा लगावे के मजबूर करे. ना कइला पर घर जरावे के धमकी देवल जाए. गांव के हवा बदल गइल रहे, कबो कुछुओ हो सकत रहे.

एकरा बाद, 8 सितंबर के अइसने दू ठो आउर स्क्रीनशॉट वायरल भइल. एह में तेइस बरिस के मुजम्मिल बागवान, आउर तेइसे बरिस के अलतमस बागवान के नाम रहे. दूनो लइका पुसेसावलिए के रहे वाला रहे. एगो इंस्टाग्राम पोस्ट में दूनो प्राणी, आदिले जेका हिंदू देवता लोग के गरियावत देखाई देत रहे. बाकिर इहो दूनो लइका लोग के कहनाम रहे कि ऊ स्क्रीनशॉट फरजी बा आउर फोटोशॉप कइल बा. पोस्ट हिंदुअन के खिलाफ बोलल गइल गलत बात के कोलाज रहे.

पोस्ट के बारे में आरोप रहे कि ई कट्टर हिंदू गुट के बनावल बा.

ऊ दिन आउर आज के दिन. पांच महीना से जादे हो चुकल बा. बाकिर पुलिस अबहियो तीनो स्क्रीनशॉट के सांच-झूठ होखे के बात जांचे में लागल बा.

बाकिर जेतना बरबादी होखे के रहे, ऊ हो चुकल रहे- गांव, जहंवा के माहौल में पहिलहीं सांप्रदायिक हवा घुल गइल रहे, अब हिंसा के आग में जरत रहे. पुसेसावली में 9 सितंबर के स्थानीय मुसलमान लोग के सुरक्षा खातिर जे कार्रवाई सुनिस्चित करे के कोसिस कइल गइल, ऊ एक्को काम ना आइल.

दस सितंबर के सूरुज अस्त भइल, त सौ से जादे कट्टर दक्षिणपंथी हिंदुअन के भीड़ गांव में घुस आइल. ऊ लोग मुसलमान लोग के दोकान, गाड़ी आउर घर में तोड़फोड़ कइलक, आउर आग लगा देलक. मुस्लिम समुदाय के लोग के अनुमान बा, एह सभ में 29 परिवार के निसाना बनावल गइल. ओह लोग के कुल 30 लाख रुपइया के नुकसान भइल. कुछे मिनिट में जिनगी भर के अरजल संपत्ति, माटी हो गइल.

Vehicles parked across the mosque on that fateful day in September were burnt. They continue to remain there
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सितंबर में पुसेसावली में मस्जिद लगे जरावल गइल गाड़ी सभ अबहियो उहंई पड़ल बा

अशफाक बागवान, 43 बरिस, पुसेसावली में एगो ई-सेवा केंद्र (सामान्य वादी लोग के अदालत से जुड़ल जरूरत खातिर केंद्र) चलावेलन. ऊ आपन फोन निकाल के एह रिपोर्टर के भूइंया पर बइठल एगो कमजोर आउर बूढ़ आदमी के फोटो देखावत बाड़न. ओह आदमी के माथा खून से भरल बा. ऊ इयाद करत बाड़न, “ऊ लोग हमनी के खिड़की पर पत्थर मारत रहे. शीशा टूट गइल आउर बाऊजी के माथा पर लागल. ऊ सभ डरावन सपना जेका रहे. माथा एतना जादे फूट गइल रहे कि घर पर इलाज संभव ना रहे.”

बाकिर गली आउर सड़क पर भीड़ अइसन पगलाइल घूमत रहे कि बाहिरो निकले के सवाले ना रहे. जदि अशफाक अइसन कइले रहतन, त उनकरो संगे उहे होखित जे आयशा के जवान घरवाला आउर क्रिकेट के रसिया नुरुल हसन संगे भइल.

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ओह दिनवा नुरुल काम से घरे लउटलन, त पुसेसावली में आगजनी सुरु ना भइल रहे. गांव के माहौल से अनजान,  नुरुल हाथ-मुंह धोके मस्जिद जाके नमाज अदा करे के सोचलन. आयशा इयाद करत बाड़ी, “हम कहनी कि आज घरहीं नमाज पढ़ लीहीं, काहेकि मेहमान लोग आवे के रहे. बाकिर उ कहलन कि जल्दिए आ जइहन आउर निकल गइलन.”

एके घंटा बाद नुरुल के मस्जिद से फोन आइल. ऊ आयशा के कहलन कवनो कीमत पर घर से बाहिर ना निकलीह. एने आयशा नुरुल खातिर डेराइल रहस. बाकिर जब उनकरा पता चलल कि ऊ मस्जिद के भीतरी बाड़न, त स्थिर हो गइली. ऊ मानेली, “हमरा तनिको अंदाजा ना रहे भीड़ नमाज करे वाला जगह घुस जाई. हमरा ना लागल बात एतना बढ़ जाई. हम सोचले रहीं ऊ मस्जिद में सुरक्षित बाड़न.”

आयशा के सोचल गलत साबित भइल.

मुसलमान लोग के संपत्ति में आग लगावे, तोड़फोड़ करे के बाद, भीड़ मस्जिद पर हमला कर देलक. मस्जिद ओह घरिया भीतरी से बंद रहे. बाहिर ठाड़ गाड़ी सभ में आग लगा देवल गइल. कुछ लोग भीतरी घुसे के कोसिस करे लागल. दरवाजा पर धक्का पर धक्का लागत रहे आउर हर धक्का पर कुंडी तनी आउर ढील हो जात रहे. अंत में कुंडी जवाब दे देलक आउर दरवाजा खुल गइल.

पगलाइल भीड़ लाठी, इंटा, टाइल्स जे हाथ में लागल, ओकरा से बेरहमी से ओह लोग पर हमला करे लागल, जे लोग कुछे देर पहिले शांति से सांझ के नमाज अदा करत रहे. ओहि में से एगो उपद्रवी एगो टाइल उठा के नुरुल के माथा पर दे मारलक, ओकरा बाद उनकरा पीट-पीट के मार देवल गइल. हमला में 11 आउर लोग गंभीर तरीका से घायल हो गइल. आयशा कहतारी, “जबले उनकर मुरदा देह ना देखनी, हमरा भरोसा ना भइल.”

The mosque in Pusesavali where Nurul Hasan was lynched
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पुसेसावली के ऊ मस्जिद जहंवा पगलाइल भीड़ नुरुल हसन के पीट-पीट के मार देलक

दुखी घरवाली बतावे लगली, “हम नुरुल के हत्या के आरोपी लोग के जानिला. ऊ लोग उनकरा भाई कहत रहे. हमरा आस्चर्य बा उनकरा पीट-पीट के मारे घरिया ओह लोग के ई बात इयाद काहे ना आइल.”

केतना दिन ले पुसेसावली में मुसलमान लोग पुलिस से एह तरह के हमला के आशंका जतइले रहे आउर सुरक्षा से जुड़ल कदम उठावे के गुहार लगइले रहे. इलाका में सायद सतारे पुलिस अकेल्ला रहे, जेकरा एह बात के अंदाजा ना रहे.

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अइसन भयानक हमला के पांच महीना गुजर गइल, बाकिर पुसेसावली के घर सभ के बीच पड़ल दरार आउर गहिर हो गइल बा. हिंदू आउर मुसलमान लोग भेंट-मुलाकात त करे के छोड़ीं,  अब एक-दोसरा के शक के नजर से देखेला. जे लोग कबो एक-दोसरा के घर में बइठके संगे खात रहे, उहंवा अब मामूली लेन-देन बचल बा. पुसेसावली के तीन ठो मुस्लिम लइका, जेकरा पर हिंदू देवता लोग के बारे में अपमान वाला बात बोले के आरोप रहे, जान के डर से गांव छोड़ के चल गइल. ऊ लोग अब आपन कवनो हित-कुटुंब, चाहे दोस्त संगे रहत बा.

“भारत में, रउआ दोषी साबित होखे तक निर्दोष होखिला नू. बाकिर जदि रउआ मुसलमान बानी, त निर्दोष साबित होखला तक रउआ दोषी मानल जाइला.”

मुजम्मिल 10 सितंबर के रात कवनो पारिवारिक आयोजन से पुसेसावली लउटत रहस. ऊ लोग गांव से कोई 30 किमी दूर रस्ता में कुछ खाए खातिर रुकल. खाना अइला तक इंतिजार ताकत, ऊ जब आपन फोन पर व्हाट्सऐप खोललन, त पता चलल कि उनकर कुछ हिंदू दोस्त लोग आपन स्टेटस अपडेट कइले बा.

मुजम्मिल अपडेट देखे खातिर क्लिक कइलन त सन्न रह गइलन, उनकर माथा घूम गइल. सभे लोग स्कीनशॉट अपलोड कइले रहे. मुजम्मिल के घोर निंदा कइल गइल रहे आउर उनकर कथित अपमान करे वाला टिप्पणी उहंवा लउकत रहे. ऊ पूछत बाड़न, “हम अइसन कुछ करके परेसानी काहे मोल लेहम? ई सभ फरजी रहे, खाली हिंसा भड़कावे के मकसद से रहे.”

ऊ तुरंते लगे के पुलिस स्टेसन बात कइलन आउर आपन फोन सरेंडर कर देलन. ऊ बतइलन, “हम ओह लोग से एकर पूरा तरीका से जांचे के निहोरा कइनी.”

पुलिस टिप्पणी के सांच-झूठ होखे के बारे में कुछो समझ ना पाइल. ऊ लोग इंस्टाग्राम के मालिक कंपनी मेटा से जवाब आवे के इंतजारी ताके लागल. सतारा पुलिस के कहनाम रहे कि जरूरी जानकारी कंपनी के भेज देवल गइल बा. ऊ लोग एकरा  आपन सर्वर पर देखी आउर तब जवाब दीही.

डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन सुरु करे वाला ओसामा मंजर कहत बाड़न, “अचरज के बात ई नइखे कि मेटा के जवाब आवे में एतना समय लागल. ई मामला ओह लोग खातिर प्राथमिकता वाला ना रहे. पुलिस एकरा हल करे में सुस्ती देखावत रहे, अचरज के बात ई रहे. इहे प्रक्रिया सजा बन जाला.”

मुजम्मिल के कहनाम बा कि ऊ जबले निर्दोष साबित नइखन हो जात, गांव ना लउटिहें. फिलहाल ऊ पस्चिमी महाराष्ट्र में 2,500 रुपइया महीना के किराया वाला एगो अपार्टमेंट में रहत बाड़न. हर 15 दिन पर ऊ आपन माई-बाऊजी से भेंट करे जालन. बाकिर बातचीत कमे हो पावेला. मुजम्मिल कहेलन, “जब हम भेंट करे जाइला, ऊ लोग रोए लागेला. हमरा आपन मन मजबूत देखावे के पड़ेला.”

'In India, you are supposed to be innocent until proven guilty,' says Muzammil Bagwan, 23, at an undisclosed location. Bagwan, who is from Pusesavali, was accused of abusing Hindu gods under an Instagram post
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भारत में रउआ जबले दोषी नइखी साबित हो जात, तबले निर्दोष रहम नू, पुसेसावली के रहे वाला 23 बरिस के मुजम्मिल कवनो गुप्त ठिकाना पर आपन बात कहत बाड़न. उनकरा पर इंस्टाग्राम पोस्ट में हिंदू देवता लोग के गाली देवे के आरोप लगावल गइल रहे

मुजम्मिल उहंवा एगो किराया के दोकान पर नौकरी कर लेले बाड़न. उनकरा 8,000 रुपइया महीना के पगार मिल रहल बा. एकरा से उनकर किराया आउर बाकी के खरचा निकल जाला. अइसे, पुसेसावली में उनकर आपन आइसक्रीम पार्लर रहे, जे खूब चलत रहे. मुजम्मिल बतइलन, “ऊ किराया के दोकान रहे. मालिक हिंदू रहे. जब ई सभ मामला भइल, ऊ हमरा काम से निकल देलन. कहलन कि दोकान तबे मिली, जब साबित हो जाई कि हम निर्दोष बानी. अब हमार माई-बाऊजी के गुजारा खातिर तरकारी बेचे के पड़ रहल बा. बाकिर गांव के हिंदू लोग उनकरा से तरकारियो ना खरीदे.”

एह ध्रुवीकरण के जहर से छोट-छोट लरिका लोग भी नइखे बचल.

एक दिन सांझ में अशफाक के नौ बरिस के लइका उजैर स्कूल से बहुते मेहराइल घरे लउटल. ओकरा संगे स्कूल में दोसर लरिका सभ कवनो तरह के खेल ना खेले. अशफाक कहलन, “ओकर क्लास में हिंदू लरिका सभ ओकरा संगे ना रखे, काहेकि ऊ ‘लांड्या’ बा. ई शब्द मुस्लिम लोग के खिलाफ इस्तेमाल होखे वाला अपमानजनक शब्द बा. एकर मतलब खतना लगावल जाला. हम लरिकन के दोष ना देहम. ऊ लोग त उहे करेला, जे घर में सुनेला. बाकिर अफसोस बा, काहेकि हमनी के गांव के माहौल कबो अइसन ना रहे.”

हर तीन बरिस पर पुसेसावली में परायण कार्यक्रम होखत रहे. एह में हिंदू लोग 8 दिन ले धरमग्रंथ के पाठ आउर मंत्र के जाप करेला. हाले में ई आयोजन 8 अगस्त के भइल रहे- गांव में हिंसा भड़के से एक महीना पहिले. ओह घरिया गांव के मुसलमान भाई लोग कार्यक्रम के पहिल दिन भोज कइले रहे. कोई 1200 हिंदू लोग खातिर 150 लीटर शीर खुरमा (सेंवई से बनल मिठाई) तइयार कइल गइल रहे.

सिराज कहले, “हमनी भोज खातिर 80,000 रुपइया खरचा कइनी. पूरा समुदाय एह में हिस्सा लेलक. काहेकि ई हमनी के तहजीब बा. बाकिर उहे पइसा जदि मस्जिद में लोहा के दरवाजा लगवावे में खरचा भइल रहित, त हमनी के बीच आज एगो इंसान जिंदा रहित.”

*****

मामला के जांच करे वाला पुलिस इंस्पेक्टर देवकर के हिसाब से, 10 सितंबर के भइल हिंसा खातिर 63 लोग गिरफ्तार कइल गइल आउर चार्जशीट दायर कइल गइल. 34 लोग फरार बा आउर 59 के पहिलहीं जमानत मिल चुकल बा.

ऊ कहले, “मामला में राहुल कमद आउर नितिन वीर मुख्य आरोपी लोग बा. दूनो लोग ‘हिंदू एकता’ खातिर काम करेला.”

विक्रम पावसकर पस्चिमी महाराष्ट्र में सक्रिय धुर दक्षिणपंथी संगठन ‘हिंदू एकता’ के चेहरा बाड़न. ऊ भाजपा के महाराष्ट्र के प्रदेस उपाध्यक्ष भी बाड़न. सोशल मीडिया पर उनकर प्रधानमंत्री संगे फोटो सभ बा, आउर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के करीबी बतावल जाला.

विनायक पावसकर, वरिष्ठ हिंदुत्व नेता, के लइका विक्रम के नफरत वाला भाषण देवे आउर सांप्रदायिक तनाव भड़कावे के इतिहास रहल बा. अप्रिल 2023 में ऊ सतारा के एगो “अवैध रूप से बनल मस्जिद” ढहावे खातिर आंदोलन के अगुआई भी कइले रहस.

Saffron flags in the village
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गांव में लागल भगवा झंडा

जून 2023 में, इस्लामपुर के एगो रैली में पावसकर ‘लव जिहाद’ के खिलाफ लड़े खातिर ‘हिंदू लोग के एकजुट’ होखे के आह्वान कइले रहस. ‘लव जिहाद’ हिंदू दक्षिणपंथी के देवल एगो बेबुनियाद, साजिश से भरल सिद्धांत बा. एह में दावा कइल गइल बा कि मुसलमान लइका सभ हिंदू लइकी के बहकावेला, आउर ओह लोग के धरम बदल देवेला, ताकि मुसलमान लोग के भारत में आबादी बढ़ो आउर ओह लोग के वर्चस्व कायम होखे. पावसकर के कहनाम रहे, “हमनी के बेटी, बहिन के अगवा कइल जाला आउर ओह लोग के ‘लव जिहाद’ के शिकार बनावल जाला. जेहादी लोग हिंदू धरम में मेहरारू आउर संपत्ति बरबाद करे के कोसिस कर रहल बा. ओह लोग के मुंह तोड़ जवाब देवे के पड़ी.” ऊ भारत के हिंदू राष्ट्र बनावे के आह्वान करत मुसलमान लोग के आर्थिक रूप से बहिष्कार करे के भी समर्थन कइलन.

ओह दिन भड़कल हिंसा के चश्मदीद गवाह के मानीं, त हमला के कुछे दिन पहिले पावसकर पुसेसावली में एगो आरोपी के घरे बैठक कइले रहस. चश्मदीद गवाह पुलिस के बतइलक कि उहंवा आइल सौ से भी जादे अज्ञात लोग, गांव पर हमला करे वाला हिंदुत्ववादी भीड़ के हिस्सा रहे. बाकिर ओह में से 27 लोग इहे गांव से रहे आउर ओह में से कुछ लोग पावसकर के बैठको में मौजूद रहे. भीड़ जब गांव के मस्जिद में घुसल त ओह में से एगो कहलक, “आज कवनो लांडया जिंदा ना बचे के चाहीं. बिक्रम पावसकर के हाथ हमनी के माथा पर बा. केहू पर दया देखावे के जरूरत नइखे.”

पुलिस अबले उनकरा हिरासत में नइखे लेले. सतारा के पुलिस अधीक्षक समीर सेख एह स्टोरी के बारे में रिपोर्टर से बात करे से मना कर देलन. ऊ कहलन, “जरूरी जानकारी सार्वजनकि तौर पर मौजूद बा.” आउर जांच के लेके, चाहे हिंसा में पावसकर के भूमिका से जुड़ल सवाल सभ के जवाब देवे से ऊ बचत रहलन.

जनवरी के अंतिम हफ्ता में, बॉम्बे हाईकोर्ट पावसकर के खिलाफ कवनो कार्रवाई ना करे खातिर सतारा पुलिस के डांटो लगइलक.

*****

सतारा पुलिस के सुस्ती से आयशा दुखी बाड़ी. ऊ सोचे लागेली कि का कबो उनकरा न्याय मिली कि ना, का नुरुल के हत्यारा लोग के कबो सजा मिली, आउर का हिंसा के योजना बनावे, साजिश करे वाला लोग कबो पकड़ल जाई. ऊ खुद बकील बाड़ी. आपन घरवाला के जाए के दुख से भरल ई घरवाली के शक बा कि मामला रफा-दफा करे के कोसिस हो रहल बा.

ऊ कहत बाड़ी, “जादे करके आरोपी सभ त पहिलहीं जमानत पर छूट चुकल बा, आउर गांव में बेफिकरी से घूम रहल बा. अइसन लागत बा कि हमरा संगे कवनो भयानक मजाक चल रहल बा.”

उनकरा अब पुसेसावली में रहे से डर लागेला, आउर आपन घरवाला के बहुते जोर इयाद आवेला. एहि से ऊ राजाचे कुरले में आपन नइहर, माई-बाऊजी लगे जादे रहे के सोचले बाड़ी. आयशा के कहनाम बा, “हमार नइहर बस चारे किलोमीटर पर बा. हम दुनो गांव आराम से आ-जा सकिले. बाकिर पहिले आपन जिनगी के पटरी पर लावल जरूरी बा.”

Ayesha Hasan, Nurul's wife, in Rajache Kurle village at her parents’ home
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नुरुल के बीवी आयशा हसन, राजाचे कुरले गांव में आपन माई-बाऊजी के घरे

आयशा आपन बकालत फेरु सुरु करे के सोचत बाड़ी. बाकिर फिलहाल गांव में रहत, एह काम में उनकरा कवनो भविष्य नजर नइखे आवत. ऊ कहेली, “जदि हम सतारा से पुणा चल जइतीं, त बात अलग होखित. बाकिर हम माई-बाऊजी से दूर रहे के नइखी चाहत. ओह लोग के तबियत खराब रहेला. उहंवा रहल जरूरी बा.”

आयशा के माई शमा, 50 बरिस, के हाई ब्लड शुगर बा. बाऊजी हनीफ, 70 बरिस, के दिसंबर 2023 में दिल के दौरा पड़ चुकल बा. ऊ आपन लइकी के जिनगी में आइल बरबादी चलते दुखी रहेलन. आयशा कहेली, “हमार कवनो भाई-बहिन लोग नइखे. बाकिर नुरुल बेटा के कमी पूरा कर देले रहस. बाऊजी के अक्सरहा अइसन लागत रहे. एहि से उनकरा मरला के बाद से बाऊजी अब पहिले जइसन ना रहलन.”

आयशा आपन माई-बाऊजी संगे रहे आउर ओह लोग के देखभाल करे के चाहत बाड़ी. बाकिर ऊ एकरा अलावे आउर भी बहुते कुछ करे के सोचत बाड़ी, जेकरा से उनकर जिनगी के मकसद मिले. ऊ आपन स्वर्गवासी घरवाला के इच्छा सभ पूरा करे के चाहत बाड़ी.

आपन मौत से ठीक पांच महीना पहिले नुरुल आयशा संगे आपन कंस्ट्रक्शन कंपनी, अश्नूर प्राइवेट लिमिटेड बनइले रहस. नुरुल काम करे वाला रहस आउर आयसा एकर कानूनी मामला संभारे वाला रहस.

अब जब ऊ एह दुनिया से बिदा हो गइल बाड़न, त आयशा एकरा बंद नइखी होवे देवे के चाहत. ऊ कहेली, “हम कंस्ट्रक्शन के बारे में त जादे ना जानी. बाकिर हम ई सीखम आउर कंपनी के आगू ले जाएम. अबही हमनी तंगी में बानी. बाकिर जल्दिए पइसा उपराएम आउर ई काम सुरु करम.”

दोसर इच्छा तनी जादे आसान बा.

नुरुल आपन लइकन के क्रिकेट सिखावे के चाहत रहस. कवनो आउर खेल अकादमी से ना, बलुक उहंवे से जहंवा विराट कोहली ट्रेनिंग लेले रहस. नुरुल के सपना पूरा करे खातिर आयशा जुट गइल बाड़ी. ऊ जोर देके कहेली, “हम ई काम कर के रहम.”

अनुवादक: स्वर्ण कांता

Parth M.N.

पार्थ एम एन हे पारीचे २०१७ चे फेलो आहेत. ते अनेक ऑनलाइन वृत्तवाहिन्या व वेबसाइट्ससाठी वार्तांकन करणारे मुक्त पत्रकार आहेत. क्रिकेट आणि प्रवास या दोन्हींची त्यांना आवड आहे.

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Editor : Vishaka George

विशाखा जॉर्ज बंगळुरुस्थित पत्रकार आहे, तिने रॉयटर्ससोबत व्यापार प्रतिनिधी म्हणून काम केलं आहे. तिने एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिझममधून पदवी प्राप्त केली आहे. ग्रामीण भारताचं, त्यातही स्त्रिया आणि मुलांवर केंद्रित वार्तांकन करण्याची तिची इच्छा आहे.

यांचे इतर लिखाण विशाखा जॉर्ज
Translator : Swarn Kanta

Swarn Kanta is a journalist, editor, tech blogger, content writer, translator, linguist and activist.

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