adivasis-of-jharkhand-landless-in-their-own-land-chh

Khunti, Jharkhand

Nov 19, 2024

अपन जमीन ले बेदखल होवत झारखंड के आदिवासी

ये नवा डिजिटल भारत मं, झारखंड के आदिवासी समाज धीरे-धीरे अपन निजी अऊ समाजिक ज़मीन के हक ला खोवत जावत हवय

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Jacinta Kerketta

उरांव आदिवासी समाज के जैसिंटा केरकेट्टा झारखंड के गाँव-देहात के स्वतंत्र लेखिका अऊ रिपोर्टर हवंय. वो ह आदिवासी समाज के लड़ई अऊ ओकर संग होवत अनियाव डहर लोगन मन के धियान देवेइय्या कवियत्रि घलो हवंय.

Editor

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पंड्या पारी मं वरिष्ठ संपादक हवंय, वो ह पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग के अगुवई करथें. वो ह वह पारी भाषा टीम के सदस्य घलो आंय अऊ गुजराती मं कहिनी मन के अनुवाद अऊ संपादन करथें. प्रतिष्ठा गुजराती अऊ अंगरेजी के कवयित्री आंय.

Translator

Nirmal Kumar Sahu

निर्मल कुमार साहू 26 बछर ले पत्रकारिता ले जुड़े हंवय. छत्तीसगढ़ के राजधानी रइपुर के प्रमुख अख़बार मन मं सम्पादक रहिन्, हिंदी अऊ छत्तीसगढ़ी में लेखन-अनुवाद, ओटीवी के हिंदी डिजिटल पोर्टल देश टीवी में 2 बरस सम्पादक, हिंदी-भाषाविज्ञान में एम् ए, एम् फिल, पी-एच.डी, अनुवाद में पीजी डिप्लोमा हासिल कर चुके निर्मल कुमार साहू ये बखत देशडिजिटल के सम्पादक प्रमुख, संपर्क: [email protected]