साहस और विनम्रता से भरी भवानी महतो, भारत की आज़ादी के लिए हुए ऐतिहासिक संघर्ष में दशकों तक क्रांतिकारियों का पेट भरती रहीं, साथ ही खेती-किसानी करके अपने परिवार को भी पोसती रहीं. अब वह 106 साल की हो चुकी हैं, लेकिन उनकी लड़ाई जारी है…लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने मतदान कर दिया है
पार्थ सारथी महतो, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया ज़िले में बतौर शिक्षक कार्यरत हैं.
Translator
Devesh
देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.