पनबिजली परियोजना के लिए केरल के जंगलों से काडर आदिवासी समुदाय को जल्दी ही विस्थापित कर दिया जाएगा. ‘विकास’ के नाम पर हो रहे विस्थापन से 2025 का केंद्रीय बजट कोई बचाव नहीं कर पाएगा
के.ए. शाजी, केरल में रहने वाले पत्रकार हैं. वह मानवाधिकार, पर्यावरण, जाति, हाशिए पर पड़े समुदायों और आजीविका से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं.
Editor
Priti David
प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.