ग़रीबी उन्मूलन के नाम पर आदिवासियों के गले में क़र्ज़ का फंदा
1990 के दशक में ग़रीबी उन्मूलन के उद्देश्य से बहुत सी 'योजनाएं' लाई गईं और बिना सोचे-समझे उनका कार्यान्वयन होता रहा. कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले में भी हुआ, जिसकी क़ीमत नहकुल पंडो ने अपनी छत गंवाकर चुकाई
पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं. वह दशकों से ग्रामीण भारत की समस्याओं की रिपोर्टिंग करते रहे हैं और उन्होंने ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ तथा 'द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम' नामक किताबें भी लिखी हैं.
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Devesh
देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.