अपने हक़ के वास्ते सरकार से लड़तीं बेल्लारी की महिला खदानकर्मी
कर्नाटक के बेल्लारी में महिला खदानकर्मी खनिज अयस्कों की खुदाई करने, पीसने, काटने और छानने का काम किया करती थीं. दो दशक पहले तेज़ी से हुए मशीनीकरण ने उन सबको अवांछित बना दिया. मुआवजे और पुनर्वास के लिए अपना आंदोलन तेज़ करने के उद्देश्य से अब वे छंटनीग्रस्त मज़दूरों के संघ से जुड़ गई हैं, और अपनी आवाज़ को मज़बूती के साथ बुलंद कर रही हैं
एस. सेंतलिर, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर सहायक संपादक कार्यरत हैं, और साल 2020 में पारी फ़ेलो रह चुकी हैं. वह लैंगिक, जातीय और श्रम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर लिखती रही हैं. इसके अलावा, सेंतलिर यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर में शेवनिंग साउथ एशिया जर्नलिज्म प्रोग्राम के तहत साल 2023 की फ़ेलो हैं.
Editor
Sangeeta Menon
संगीता मेनन, मुंबई स्थित लेखक, संपादक और कम्युनिकेशन कंसल्टेंट हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.