हावड़ा जिला के देउलपुर सेंसस टाउन में रंजीत माल ही एगो अइसन आदमी बाड़ें जे बांस के प्रकंद से पोलो वाला गेंद बना सकेलन. उनकर ई हुनर मशीन से बनल फाइबरग्लास वाला गेंद के जमाना में आपन महत्व खो चुकल बा. बाकिर दशकों दशक ले घर परिवार चलावे वाला ई शिल्प के याद आ अनुभव हरदम उनकी संघे रहेला
दीपांजली सिंह पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया में सहायक संपादक बानी. उहां के पारी लाइब्रेरी खातिर दस्तावेज पर शोध करेनी आउर एकरा व्यवस्थित करे के काम करेनी.
Author
Shruti Sharma
श्रुति शर्मा, एमएमएफ़-पारी फ़ेलो (2022-23) बाड़ी. उहां के कोलकाता के सामाजिक विज्ञान अध्ययन केंद्र से भारत में खेलकूद के सामान बनावे के सामाजिक इतिहास पर पीएचडी कर रहल बानी.
Translator
Vimal Chandra Pandey
विमल चंद्र मुंबई में रहे वाला एगो पत्रकार, फिल्मकार आउर अनुवादक बानी. सूचना के अधिकार आंदोलन से एगो कार्यकर्ता के रूप में जुड़ल विमल हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स, मुंबई में भोजपुरी स्तंभ ‘माटी के पाती’ खातिर नियमित लिखेनी.