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Ranchi, Jharkhand

Dec 12, 2024

गोदने में गुदी कहानियां

हर आदिवासी समुदाय व जाति की गोदना गोदने की अपनी अनोखी शैली होती है, जिसे ज़्यादातर झारखंड की महिलाएं बनाती हैं. माना जाता है कि इस प्राचीन कला में उपचार की ताक़त है. लेकिन गोदना जाति, जेंडर और अन्य सामाजिक पहचानों को भी साथ लिए चलता है

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Editor

Sarbajaya Bhattacharya

सर्वजया भट्टाचार्य, पारी के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम करती हैं. वह एक अनुभवी बांग्ला अनुवादक हैं. कोलकाता की रहने वाली सर्वजया शहर के इतिहास और यात्रा साहित्य में दिलचस्पी रखती हैं.

Translator

Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.

Author

Ashwini Kumar Shukla

अश्विनी कुमार शुक्ला, झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार हैं, और नई दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (2018-2019) से स्नातक कर चुके हैं. वह साल 2023 के पारी-एमएमएफ़ फ़ेलो हैं.