मराठवाड़ा में 1970-80 के दशक में नामांतर आंदोलन को अपनी जनवादी कविताओं से दिशा देने वाले शाहीर आत्माराम साल्वे को उनकी जयंती के मौक़े पर श्रद्धांजलि. उनके गीत आज भी दलित अधिकारों के लिए जारी संघर्षों को बल देते हैं
केशव वाघमारे, महाराष्ट्र के पुणे ज़िले के एक लेखक और शोधकर्ता हैं. वह साल 2012 में गठित ‘दलित आदिवासी अधिकार आंदोलन (डीएएए)’ के संस्थापक सदस्य हैं और कई वर्षों से मराठवाड़ा में रहने वाले समुदायों का दस्तावेज़ीकरण कर रहे हैं.
Illustrations
Labani Jangi
लाबनी जंगी साल 2020 की पारी फ़ेलो हैं. वह पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की एक कुशल पेंटर हैं, और उन्होंने इसकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल की है. लाबनी, कोलकाता के 'सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़' से मज़दूरों के पलायन के मुद्दे पर पीएचडी लिख रही हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.