यहां प्रस्तुत गीत एक ऐसे इलाक़े का लोकगीत है जिसने क्षेत्र में तमाम राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद संगीत, वास्तुकला और संस्कृति की समन्वयात्मक परंपराओं को बचाए रखा है. भक्ति-भावना को अभिव्यक्त करते इस गीत में रेगिस्तान की अनूठी महक भी मिलती है
प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.
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Rahul Ramanathan
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रहने वाले राहुल रामनाथन 17 वर्षीय स्कूली छात्र है. उन्हें ड्राइंग, पेंटिंग के साथ-साथ शतरंज खेलना पसंद है.
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Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.