दक्षिण महाराष्ट्र और उत्तरी गोवा की सदियों पुरानी एक नाट्य कला, दशावतार, जिसमें केवल पुरुष अभिनेताओं (जिनमें से अधिकांश किसान और मज़दूर हैं) के साथ कई घंटों की अवधि के नाटक किए जाते हैं, दर्शकों को सुबह तक अपने सम्मोहन में बांधे रखती है
इंद्रजीत खाम्बे, महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग ज़िले के कणकवली गांव में रहते हैं. क़रीब 10 साल तक प्रायोगिक थिएटर करने और कंप्यूटर मरम्मत की दुकान चलाने के बाद, उन्होंने साल 2012 में फ़ोटोग्राफ़ी की ओर रुख़ किया.
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Vatsala da Cunha
वत्सला ड कूना, बेंगलुरु में स्थित आर्किटेक्ट हैं. उनका काम आर्किटेक्चर के शिक्षण में भाषा और आर्किटेक्चर के संबंध पर केंद्रित रहा है. उनका मानना है कि भारत की बहुरंगी, समृद्ध, और सूक्ष्मता से भरी बहुभाषिकता, हमारी सबसे महत्वपूर्ण विरासत है और नई कल्पनाओं का स्रोत भी है.