बेंगलुरु की झुग्गियों में रहने वाले बुज़ुर्ग, प्रवासी, दिहाड़ी मज़दूरी, और यहां तक कि बच्चे भी उन लोगों में शामिल हैं जिनकी उंगलियों के निशान मेल न खाने के कारण उन्हें उनका मासिक राशन देने से मना कर दिया जा रहा है. आधार के लिए चल रही उनकी जद्दोजहद में, जीत आधार की ही होती है
विशाखा जॉर्ज, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की सीनियर एडिटर हैं. वह आजीविका और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर लिखती हैं. इसके अलावा, विशाखा पारी की सोशल मीडिया हेड हैं और पारी एजुकेशन टीम के साथ मिलकर पारी की कहानियों को कक्षाओं में पढ़ाई का हिस्सा बनाने और छात्रों को तमाम मुद्दों पर लिखने में मदद करती है.
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।