festivals-and-the-folks-who-fashion-them-chh

Nov 01, 2024

तिहार अऊ वोला मनेइय्या लोगन मन

पुरान के कथा मं, प्रकृति अऊ देंवता के तिहार, बदलत मऊसम, बढ़िया फसल के उछाह –भारत के तीज-तिहार मं ये सब्बो समाय हवय. समाज मन ला एके संग लाके, वो ह लिंग अऊ जात-पात के सरहद ला पार करत गजब तरीका ले धरम के विभाजन ला पाट सकथें. तिहार जेन ह बोहावत धार कस आय उहिंचे वो ह रोज के जिनगी अऊ मिहनत के एकरसता ला घलो हर लेथे. ये सब्बो अलग-अलग कतको समाज के करीगर मन के बगेर संभव नो हे, जेकर काम अऊ कला ले तिहार, संगीत, नृत्य अऊ पूजा संभव होथे. इहाँ पारी के कतको कहिनी हवंय जेन ह हमर कतको आनी-बानी के तिहार अऊ मेला मड़ई के दस्तावेजीकरन करथे

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

PARI Contributors

Translation

Nirmal Kumar Sahu

निर्मल कुमार साहू पारी के छत्तीसगढ़ी अनुवाद संपादक आंय. पत्रकार अऊ अनुवादक के रूप मं वो ह छत्तीसगढ़ी अऊ हिंदी दूनों भाखा मं काम करत हवंय. निर्मल ला छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाचार पत्र मन मं तीन दसक के अनुभव हवय अऊ वो ह ये बखत देशडिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक हवंय.