महाराष्ट्र के भूमिहीन भील पारधी परिवार ‘आपराधिक’ जनजाति के ठप्पे से मुक्त होने के सालों बाद भी सामाजिक भेदभाव और ग़रीबी से जूझ रहे हैं. उनका मानना है कि इस बजट से उनके लिए कुछ नहीं बदलेगा
ज्योति, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की सीनियर रिपोर्टर हैं; वह पहले ‘मी मराठी’ और ‘महाराष्ट्र1’ जैसे न्यूज़ चैनलों के साथ काम कर चुकी हैं.
Editor
Pratishtha Pandya
प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.
Translator
Devesh
देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.