बजार, मसीन के उपयोग आउर बरखा के बदलत तरीका चलते बहुफसली खेती के बेसंभार क्षति पहुंचल बा. एकरा से लड़े खातिर तिरुवन्नमलई के किसान लोग चाउर के पारंपरिक किसिम फेरु से उगा रहल बा आउर आपन बरखा पर टिकल जमीन के हिसाब से उगे वाला अनाज के बढ़ावा दे रहल बा
अपर्णा कार्तिकेयन स्वतंत्र पत्रकार, लेखक, आउर पारी के सीनियर फेलो हई. उनकर लिखल नॉन-फिक्शन किताब 'नाइन रुपीज़ एन आवर', तमिलनाडु में लुप्त होखत आजीविकाओं के दस्तावेज़ बा. उहां के बच्चा लोग खातिर पांच किताब लिखले बानी. उहां के चेन्नई में परिवार आउर आपन कुत्ता लोग संगे रहेनी.
Photographs
M. Palani Kumar
एम. पलानी कुमार पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया के स्टाफ फोटोग्राफर बानी. उहां के मेहरारू मजूर आउर हाशिया पर रहे वाला लोग के जिनगी पर डॉक्यूमेंट्री बनावे में दिलचस्पी बा.
पलानी के साल 2020 में सम्यक दृष्टि आउर फोटो साउथ एशिया अनुदान आ साल 2021 में एम्पलीफाई अनुदान मिलल रहे. एकरा बाद साल 2022 में उहां के पहिल दयानिता सिंह-पारी डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी अवार्ड से नवाजल गइल. पलानी तमिलनाडु के मैला ढोवे वाली मजूरन पर, तमिल में बनल डॉक्यूमेंट्री 'कक्कूस' (शौचालय) के सिनेमाटोग्राफर भी रह चुकल बानी.
Editor
P. Sainath
पी. साईनाथ, पीपुल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक बानी. उहां के दशकन से गांव-देहात में बसल भारत के बारे में लिखत बानी. उहां के ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ आउर ‘द लास्ट हीरोज: फुट सोल्जर्स ऑफ इंडियन फ्रीडम’ नाम के किताब भी लिखले बानी.