जोलेन संगा खजूर के पेड़ के पत्तों से एकदम गांठरहित और चिकनी चटाइयां बुनती और सिलती हैं. वह झारखंड की मुंडा आदिवासी हैं, तथा अकेले बच्चों का ध्यान रखती रही हैं और आजीविका के लिए खेतिहर मज़दूरी करती हैं
अंजनी संगा, झारखंड के खूंटी ज़िले के चलांगी गांव में पली-बढ़ी हैं और उन्होंने वहीं से अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की है. साल 2022 में गैरसरकारी संगठन ‘साझे सपने’ ने उनका चयन एक साल भर के मेंटरशिप कार्यक्रम के लिए कर लिया, जहां उन्होंने पारी एजुकेशन के साथ डॉक्यूमेंटेशन का एक संक्षिप्त पाठ्यक्रम किया.
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Aayna
आयना, पारी के लिए विजुअल स्टोरीटेलर व फ़ोटोग्राफ़र के तौर पर काम करती हैं.
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Swadesha Sharma
स्वदेशा शर्मा, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में रिसर्चर और कॉन्टेंट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह स्वयंसेवकों के साथ मिलकर पारी लाइब्रेरी पर प्रकाशन के लिए संसाधनों का चयन करती हैं.