रण लगभग पूरा साल तपत रहेला. अइसन में जब मेघ बरसेला, त ऊ बहुते खास दिन होखेला.  बरखा के नरम-नरम बूंद से गरमी से जरत तन-मन के ठंडक मिलेला, लोग बेचैनी से एकर बाट जोहेला. कवनो अचरज नइखे कि बरखा राहत के दोसर नाम बन गइल बा. उहे राहत जे मेहरारू लोग के रोज के जिनगी में प्रेम से उपजेला.

अइसे त बरसात के रोमांस आउर ओकर लीला खाली लोके संगीत में ना लउके. बरखा के नाम लेवते मन में झूम के नाचत मोर, करिया बादल, बरखा आउर आपन प्रेमी खातिर व्याकुल एगो जवान मेहरारू के छवि उमड़ आवेला. अइसन छवि, अइसन तस्वीर खाली भारत के शास्त्रीय संगीत, लोकप्रिय आउर लोक संगीते के दुनिया में ना, बलुक साहित्य आउर चित्रकारी के अलग अलग रूप में भी नजर आवेला.

एकरा बावजूद, अंजार के घेलजी भाई के आवाज में एह सुरीला गुजराती गीत के सुनला के बाद, इहे सभ छवि मौसम के पहिल बरखा के नया जादू पैदा करे में कामयाब होखेला.

अंजार के घेलजी भाई के आवाज में गुजराती गीत सुनल जाव

Gujarati

કાળી કાળી વાદળીમાં વીજળી ઝબૂકે
કાળી કાળી વાદળીમાં વીજળી ઝબૂકે
મેહૂલો કરે ઘનઘોર,
જૂઓ હાલો કળાયેલ બોલે છે મોર (૨)
કાળી કાળી વાદળીમાં વીજળી ઝબૂકે
નથડીનો વોરનાર ના આયો સાહેલડી (૨)
વારી વારી વારી વારી, વારી વારી કરે છે કિલોલ.
જૂઓ હાલો કળાયેલ બોલે છે મોર (૨)
હારલાનો વોરનાર ના આયો સાહેલડી (૨)
વારી વારી વારી વારી, વારી વારી કરે છે કિલોલ.
જૂઓ હાલો કળાયેલ બોલે છે મોર (૨)
કાળી કાળી વાદળીમાં વીજળી ઝબૂકે
મેહૂલો કરે ઘનઘોર
જૂઓ હાલો કળાયેલ બોલે છે મોર (૨)

भोजपुरी

सांवर बदरवा में बिजुरी चमकेला.
सांवर बदरवा में बिजुरी चमकेला.
देखीं, बदरा के अचरा में केतना बरखा भरल बा.
देखीं, मोर गीत गावत बा, पंख फइला के कइसे इतरात बा! (2)
सांवर बदरवा में बिजुरी चमकेला
हमरा नथनी देवे वाला,
हमार नथनी पहिनावे वाला अबले ना अइले, सुन सखि (2)
देखीं, मोर गावत बा बेर-बेर,
देखीं, पंख फइला के कइसे इतरात बा! (2)
हमरा हार देवे वाला,
हमरा हार पहिनावे वाला अबले ना अइले, सुन सखि (2)
मोर झूम-झूम गावत बा.
देखीं, पंख फइला के कइसे इतरात बा! (2)
सांवर बदरवा में बिजुर चमकेलास
देखीं, बदरा के अचरा में केतना बरखा भरल बा.
देखीं, मोर गावत बा आउर पंख फइला के कइसे इतरात बा! (2)

PHOTO • Labani Jangi

गीत : पारंपरिक लोकगीत

प्रकार : प्यार आउर चाहत के गीत

गीत संख्या : 7

गीत के नाम: काली काली बादणीमा वीजणी जबूके

धुन : देवल मेहता

गायक : अंजार के घेलजी भाई

बाजा : ड्रम, हारमोनियम, बेंजो, खंजरी

रिकॉर्डिंग के बरिस : 2012, केएमवीएस स्टूडियो


सामुदायिक रेडियो स्टेशन, सुरवाणी अइसने 341 लोकगीतन के रिकॉर्ड कइले बा. सभे गीत कच्छ महिला विकास संगठन (केएमवीएस) के जरिए पारी लगे आइल बा.

प्रीति सोनी, केएमवीएस के सचिव अरुणा ढोलकिया आउर केएमवीएस के परियोजना समन्वयक अमद समेजा के उनकर विशेष सहयोग खातिर खास आभार, आउर भारतीबेन गोर के उनकर कीमती योगदान खातिर दिल से शुक्रिया

अनुवाद: स्वर्ण कांता

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.

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Illustration : Labani Jangi

लाबनी जंगी साल 2020 की पारी फ़ेलो हैं. वह पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की एक कुशल पेंटर हैं, और उन्होंने इसकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल की है. लाबनी, कोलकाता के 'सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़' से मज़दूरों के पलायन के मुद्दे पर पीएचडी लिख रही हैं.

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Translator : Swarn Kanta

Swarn Kanta is a journalist, editor, tech blogger, content writer, translator, linguist and activist.

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