हावेरी-हम-हाड़तोड़-मेहनत-करते-हैं-फिर-भी-हाथ-में-कुछ-बचता-नहीं-है

Haveri, Karnataka

Nov 18, 2021

हावेरी: 'हम हाड़तोड़ मेहनत करते हैं, फिर भी हाथ में कुछ बचता नहीं है'

मंगला हरिजन जैसी महिला खेतिहर मज़दूर, हाथ से परागण के काम के लिए पलायन करके कर्नाटक के हावेरी ज़िले में आती हैं. अरबों डॉलर के बीज उद्योग का हिस्सा होने और कड़ी मेहनत करने के बावजूद उनकी कमाई बहुत कम होती है

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Author

S. Senthalir

एस. सेंतलिर, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर सहायक संपादक कार्यरत हैं, और साल 2020 में पारी फ़ेलो रह चुकी हैं. वह लैंगिक, जातीय और श्रम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर लिखती रही हैं. इसके अलावा, सेंतलिर यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर में शेवनिंग साउथ एशिया जर्नलिज्म प्रोग्राम के तहत साल 2023 की फ़ेलो हैं.

Translator

Amit Kumar Jha

अमित कुमार झा एक अनुवादक हैं, और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की है.