वीडियो देखें: ज़िंदा रहने तक हमारे पास करने को बस यही काम है

मैंने पहली बार उन्हें साल 2019 में अपनी यात्रा के दौरान बकिंघम नहर क्षेत्र में देखा था. पनडुब्बी चिड़िया की तरह पानी के भीतर गोते लगाने और तैरते रहने की उनकी दक्षता ने मेरा ध्यान खींचा था. वह अपने हाथों से नदी के तल के खुरदरे बालू को तेज़ी से हटा रही थीं, और दूसरों की तुलना में कहीं ज़्यादा रफ़्तार से झींगे पकड़ रही थीं.

गोविंदम्मा इरुलर समुदाय से ताल्लुक़ रखती हैं, जो तमिलनाडु में अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध है. जब वह छोटी सी बच्ची थीं, तब से झींगा पकड़ने के लिए चेन्नई के पास बहने वाली कोसस्तलैयार नदी में गोते लगा रही हैं. अपने परिवार की माली हालत बेहद ख़राब होने के चलते 77 की उम्र में वह आज भी यह काम जारी रखने को मजबूर हैं. नज़र की कमज़ोरी और चोटों से जूझते रहने के बावजूद उन्हें यह काम करना पड़ता है.

मैंने यह वीडियो चेन्नई के उत्तरी भाग में, कोसस्तलैयार नदी के साथ बहने वाली बकिंघम नहर में उनके काम करते समय बनाया था. झींगे पकड़ने के लिए गोता लगाने के बीच, वह अपने जीवन से जुड़ी बातें साझा करती हैं; और बताती हैं कि यही एकमात्र काम है जो उन्हें आता है.

गोविंदम्मा के बारे में ज़्यादा जानने के लिए यहां क्लिक करें.

अनुवाद: देवेश

M. Palani Kumar

एम. पलनी कुमार पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के स्टाफ़ फोटोग्राफर हैं. वह अपनी फ़ोटोग्राफ़ी के माध्यम से मेहनतकश महिलाओं और शोषित समुदायों के जीवन को रेखांकित करने में दिलचस्पी रखते हैं. पलनी को साल 2021 का एम्प्लीफ़ाई ग्रांट और 2020 का सम्यक दृष्टि तथा फ़ोटो साउथ एशिया ग्रांट मिल चुका है. साल 2022 में उन्हें पहले दयानिता सिंह-पारी डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफी पुरस्कार से नवाज़ा गया था. पलनी फ़िल्म-निर्माता दिव्य भारती की तमिल डॉक्यूमेंट्री ‘ककूस (शौचालय)' के सिनेमेटोग्राफ़र भी थे. यह डॉक्यूमेंट्री तमिलनाडु में हाथ से मैला साफ़ करने की प्रथा को उजागर करने के उद्देश्य से बनाई गई थी.

की अन्य स्टोरी M. Palani Kumar
Text Editor : Vishaka George

विशाखा जॉर्ज, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की सीनियर एडिटर हैं. वह आजीविका और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर लिखती हैं. इसके अलावा, विशाखा पारी की सोशल मीडिया हेड हैं और पारी एजुकेशन टीम के साथ मिलकर पारी की कहानियों को कक्षाओं में पढ़ाई का हिस्सा बनाने और छात्रों को तमाम मुद्दों पर लिखने में मदद करती है.

की अन्य स्टोरी विशाखा जॉर्ज
Translator : Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.

की अन्य स्टोरी Devesh