वारलियों-की-बस्ती-में-हाल-की-एक-दीवाली

Palghar, Maharashtra

Mar 30, 2019

वारलियों की बस्ती में हाल की एक दीवाली

मुंबई के ठीक बाहर एक आदिवासी पाड़ा में, आतिशबाजी और शहर की रोशनी से दूर, मेरे परिवार ने पारंपरिक व्यंजनों, सामुदायिक अनुष्ठानों, प्रकृति की श्रद्धा तथा खुशी के साथ इस साल दीवाली मनाई, जैसा कि वे हर साल मनाते हैं

Want to republish this article? Please write to zahra@ruralindiaonline.org with a cc to namita@ruralindiaonline.org

Author

Mamta Pared

ममता परेड (1998-2022) एक पत्रकार थीं और उन्होंने साल 2018 में पारी के साथ इंटर्नशिप की थी. उन्होंने पुणे के आबासाहेब गरवारे महाविद्यालय से पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की थी. वह आदिवासी समुदायों, ख़ासकर अपने वारली समुदाय के जीवन, आजीविका और संघर्षों के बारे में लिखती थीं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।