लॉकडाउन-से-कालू-दास-का-कबाड़-का-काम-प्रभावित

South 24 Parganas, West Bengal

Dec 01, 2020

वक़्त के मलबे से घिरा कालू दास का कबाड़ का काम

कालू दास, रीसाइक्लिंग के लिए सामान इकट्ठा करने अपने गांव से कोलकाता जाते हैं. उन्होंने कुछ हफ़्ते पहले फिर से चक्कर लगाना शुरू किया. लेकिन, यह काम संकट में है, कमाई बेहद कम है, उनकी पत्नी की नौकरी चली गई है, और उनका परिवार संघर्ष कर रहा है

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Author

Puja Bhattacharjee

पूजा भट्टाचार्जी, कोलकाता स्थित एक स्वतंत्र पत्रकार हैं. वह राजनीति, पब्लिक पॉलिसी, स्वास्थ्य, विज्ञान, कला, और संस्कृति जैसे विषयों पर रिपोर्टिंग करती हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।