भूख-से-मरने-पर-साबुन-हमें-नहीं-बचा-पाएंगे

Palghar, Maharashtra

Apr 02, 2020

‘अगर हम भूख से पहले ही मर जाएंगे, तो साबुन से हाथ धोना काम न आएगा’

पालघर ज़िले के कवटेपाड़ा में रहने वाले अधिकांश आदिवासी परिवार निर्माण स्थलों पर दैनिक मज़दूरी करके जीवनयापन करते हैं. कोविड-19 लॉकडाउन के कारण काम बंद पड़ा है, और अब उनके पैसे और राशन तेज़ी से ख़त्म होने लगे हैं

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Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।

Author

Shraddha Agarwal

श्रद्धा अग्रवाल 'पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया (पारी)' के लिए बतौर रिपोर्टर और कॉन्टेंट एडिटर काम करती हैं.

Editor

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.