पत्थर-के-बदले-दिल-गोली-के-बदले-रोटी

New Delhi, Delhi

Dec 11, 2021

पत्थर के बदले दिल, गोली के बदले रोटी

अपने ऊपर थोपे गए तीन अन्यायपूर्ण कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ देश के किसानों ने अपनी विविधता और एकजुटता के साथ शानदार संघर्ष किया और सरकार को क़ानून निरस्त करने के लिए मजबूर कर दिया. एक कवि इन किसानों को अपनी कविता के ज़रिए सलाम पेश कर रहा है

Poems and Text

Joshua Bodhinetra

Translator

Devesh

Paintings

Labani Jangi

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Poems and Text

Joshua Bodhinetra

जोशुआ बोधिनेत्र, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के भारतीय भाषाओं से जुड़े कार्यक्रम - पारी'भाषा के कॉन्टेंट मैनेजर हैं. उन्होंने कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी से तुलनात्मक साहित्य में एमफ़िल किया है. वह एक बहुभाषी कवि, अनुवादक, कला-समीक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं.

Paintings

Labani Jangi

लाबनी जंगी साल 2020 की पारी फ़ेलो हैं. वह पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की एक कुशल पेंटर हैं, और उन्होंने इसकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल की है. लाबनी, कोलकाता के 'सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़' से मज़दूरों के पलायन के मुद्दे पर पीएचडी लिख रही हैं.

Translator

Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.