दरकवाड़ी के किसानों की ज़िंदगी में विलेन बनकर आए घोंघे
महाराष्ट्र के पुणे ज़िले में चासकमान डैम के आसपास रहने वाले किसान हर साल अफ़्रीकी घोंघों का हमला झेलने को मजबूर हैं, जो उनके खाद्यान्न की फ़सलों और फल के पेड़ों को लगातार अपनी ख़ुराक बना कर उन्हें तबाह करने पर तुले हैं
देवांशी पारेख ने अभी हाल-फ़िलहाल फ्लेम यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढाई पूरी की है. दिसंबर 2022 से लेकर फरवरी 2023 के बीच उन्होंने पारी से इंटर्नशिप भी किया है.
Editor
Sanviti Iyer
संविति अय्यर, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर कंटेंट कोऑर्डिनेटर कार्यरत हैं. वह छात्रों के साथ भी काम करती हैं, और ग्रामीण भारत की समस्याओं को दर्ज करने में उनकी मदद करती हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.