जवान खमरी कांजीहौस के सदमा ले उबरे नई सके हवय.

कम्माभाई लखाभाई रबारी कहिथें, “वो ला फिर ले बने होय मं टेम लागही.”

घूमंतु चरवाहा अपन गोहड़ी के एक ठन जवान एंर्रा ऊँट के बारे मं बतावत हवय.

जनवरी 2022 के असाधारन घटना ला देखत कम्माभाई के आस ले भरे बात ला समझे जा सकत हवय, जब महाराष्ट्र के अमरावती मं इहाँ के पुलिस ह दू कम तीन कोरी ऊंट ला अपन हिरासत मं ले लेय रहिस. फेर महिना भर बाद फरवरी मं छोड़ दे गे रहिस, सब्बो ऊंट मं खराब सेहत के लच्छन दिखत रहिस.

ओकर चरवाहा मन के कहना हवय के वो मन के हिरासत के बखत, मवेसी मन ला वो मन के रोज के दाना पानी नई मिलिस. जेन कांजीहौस मं वो मन ला रखेगे रहिस, वो ह गाय मन के खाय चारा ले भरे गोशाला आय. कम्माभाई कहिथें, “वो खुल्ला मं चरेइय्या जानवर आंय अऊ बड़े रुख मन के पाना ला खाथें, वो मन मवेशी चारा नई खावंय.”

Left: The camels were detained and lodged in a confined space at the Gaurakshan Sanstha in Amravati district. Right: Kammabhai with Khamri, a young male camel who has not yet recovered from the shock of detention
PHOTO • Akshay Nagapure
Left: The camels were detained and lodged in a confined space at the Gaurakshan Sanstha in Amravati district. Right: Kammabhai with Khamri, a young male camel who has not yet recovered from the shock of detention
PHOTO • Jaideep Hardikar

डेरी: अमरावती जिला के गौरक्षण संस्था मं कांजीहौस बनाके ऊंट मन ला रखे गे हवय अऊ एक नान जगा मं रखे गे हवय. जउनि: खमरी के संग कम्माभाई, एक ठन एंर्रा ऊंट, जेन ह अब तक ले कांजीहौस के सदमा ले उबरे नई सके हवय

त महिना भर ले जियादा बखत तक ले वो मन ला सोयाबीन अऊ दीगर फसल के चारा ला खाय बर मजबूर करे गीस, त वो मन के सेहत गिरे लगिस. जब वो मन फरवरी 2022 के मंझा मं अपन पांच चरवाहा मन करा लहूंट के आइन, त वो मन के मरे के आंकड़ा बढ़े लगिस. जुलाई तक ले एक कोरी चार ऊंट मर चुके रहिन.

येकर मालिक मन येला अचानक ले अलग होय अऊ कांजीहौस के बाद परे घात ला दोस दीन. कम्माभाई जइसने चार मालिक रबारी समाज के आंय; एक फकिरनी जाट आय. सब्बो मूल रूप ले गुजरात के कच्छ-भुज जिला के पारंपरिक ऊंट चरवाहा आंय.

अऊ एक ठन जुल्मी घटना मं, ये बेबस चरवाहा मन ला केंद्र डहर ले तय अपन ऊंट के रोजके चारा सेती रोजके 350 रूपिया भरे ला परिस. येकर जम्मो कीमत 4 लाख रूपिया रहिस जेन ला गौरक्षण संस्था ह तय करे रहिस. गोशाला वाले ये संस्था ह अपन आप ला स्वैच्छिक संगठन कहत रहिस फेर ऊंट मन के देखभाल अऊ रखरखाव सेती चरवाहा मन ले वसूली करत रहिस.

“जम्मो विदर्भ इलाका ले अपन लोगन मन ले पइसा जोरे मं हमन ला दू दिन लाग गे,” जाकारा रबारी बताथें, जेन ह एक जानकार चरवाहा हवंय, अपन जिनिस पाती ला दोहारे सेती ऊंट ला लगाथें. वो ह नागपुर जिला के सिसरी गांव मं एक डेरा मं रहिथें अऊ तऊन 20 परिवार मं एक झिन रहिन जेन मन ला मध्य भारत मं ले जाय सेती ये ऊंट गोहड़ी ले कुछु ला पाय ला रहिस.

Left: Activists from an Amravati-based animal rescue organization tend to a camel that sustained injuries to its leg due to infighting at the kendra. Right: Rabari owners helping veterinarians from the Government Veterinary College and Hospital, Amravati, tag the camels in line with the court directives
PHOTO • Rohit Nikhore
Left: Activists from an Amravati-based animal rescue organization tend to a camel that sustained injuries to its leg due to infighting at the kendra. Right: Rabari owners helping veterinarians from the Government Veterinary College and Hospital, Amravati, tag the camels in line with the court directives
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डेरी: अमरावती के एक पशु बचाव संगठन के कार्यकर्ता एक ठन ऊंट के देखभाल करत, जेन ला केंद्र मं लड़े सेती ओकर गोड़ मं जखम लाग गे रहिस. जउनि: सरकारी पशु चिकित्सा कालेज अऊ अस्पताल, अमरावती के ढोर डाक्टर मन के मदद करत रबारी मालिक, अदालत के कहे मुताबिक ऊंट मन ला ठप्पा लगावत हवंय

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बछर भर पहिली हैदराबाद के एक झिन जेन ह अपन आप ला पशु अधिकार कार्यकर्ता कहेइय्या ह पांच चरवाहा मन के खिलाफ तालेगांव दशासर पुलिस थाना मं शिकायत करे रहिस. वो मन ऊपर हैदराबाद के बूचड़खाना मं ऊँट मन ला ले जाय के आरोप रहिस. रबारी महाराष्ट्र के विदर्भ इलाका मं डेरा डरे रहिन. अमरावती जिला पुलिस के इलाका मं अवेईया निमगावन नांव के गांव ले पुलिस ह पांच झिन चरवाहा मं ला गिरफ्तार करिस. मालिक मन ऊपर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के धारा 11 (1) (डी) के तहत आरोप लगाय गीस अऊ ऊंट मन ला कांजीहौस सेती एक ठन गौरक्षण केंद्र मं भेज दे गीस. (पढ़व: Kachchh camels’ custody: ships of the deserted ).

वइसे इहाँ के अदालत ह मालिक मन ला तुरते जमानत दे दीस, फेर वो मन के जानवर सेती लड़ई लंबा खिंचत चले गे अऊ जिला अदालत तक ले चले गे. 25 जनवरी, 2022 के अमरावती मं एक ठन जज ह गौरक्षण संस्था समेत तीन पशु अधिकार संगठन के ऊंट मन के हिरासत अधिकार के अरजी ला एक नजर मं ख़ारिज कर दीस. अदालत ह कुछेक शर्त पूरा करे के एवज मं रबारी चरवाहा मन के अरजी ला मंजूर कर लीस.

ऊंट चरवाहा मन ला कहे गे हवय के वो जानवर मन के देख रेख अऊ देखभाल करे सेती, गौरक्षण संस्था के तय करे गे ‘उचित शुल्क’ ला भरें. फरवरी 2022 मं, अमरावती के एक ठन जिला अऊ सत्र न्यायालय ह मवेशी पाछू एक दिन के खरचा 200 रूपिया तय करिस.

रबारी मन के सेती ये ह राहत के बात रहिस, काबर के वो मन पहिलीच ले जियादा पइसा भर दे रहिन, त अब वो मन ला उपराहा पइसा देय ला नई रहिस.

A herder from the Rabari community takes care of a camel who collapsed on the outskirts of Amravati town within hours of its release
PHOTO • Akshay Nagapure

रबारी समाज के एक झिन चरवाहा अपन ऊंट के देखभाल करत हवय. कांजीहौस ले छोड़े जाय के कुछेक घंटा बीते ये ऊंट ह अमरावती शहर के सरहद के इलाका मं अचेत होक गिर गे रहिस

जकारा रबारी कहिथें, “हमन अदालत के खरचा, वकील के फीस अऊ पांचों आरोपी ऊंट चरवाहा मन के देखरेख मं करीबन 10 लाख रूपिया खरचा करेन.”

फरवरी 20 22 के मंझा मं ऊंट मन ला आख़िर मं वो मन के मालिक मन ला सौंप दे गीस. मालिक मन देखिन के वो मन के ऊंट बीमार अऊ कुपोषित हो गे रहिन. कांजीहौस ले छोड़े के कुछेक घंटा भीतरी वो मन ले दू ठन ऊंट अमरावती शहर के सरहद तीर के इलाका मं मर गीन.

आगू के 3-4 महिना मं कतको अऊ ऊंट मन मर गीन. छत्तीसगढ़ के बलौदा बाज़ार जिला मं, अपन डेरा ले फोन मं पारी ले गोठ बात करत साजन रबारी बताथे, “ऊंट मन के बिगड़े हालत सेती मार्च ले अप्रैल तक ले हमन लंबा दूरिहा नई जाय सकेन. घाम मं वो मन ला रद्दा मं हरियर पाना नई मिलिस अऊ जब बरसात आइस, त वो मन अतक कमजोर होगे रहिन के बीमार पर गीन अऊ एक-एक करके मरत गीन.” तऊन गोहड़ी ले साजन रबारी के जेन चार ठन ऊंट मिले रहिस तऊन मेर ले दू ठन मर गीन.

छत्तीसगढ़ अऊ आंध्र प्रदेश मं रहेईय्या रबारी समाज के ये गोहड़ी मेर ले जऊन ऊंट मिले रहिस ओकर ले अधिकतर रद्दाच मं मर गीन धन डेरा मं आय के ठीक बाद मर गीन.

येकर मन ले जेन 6 कम दू कोरी ऊंट बांच गे, वो मन मं अब तक ले कांजीहौस के सदमा ले उबरे नई सके हवंय.

Left: The Rabari herders say their animals turned sickly at the kendra. Right: The caravan walking towards their settlement camp in Wardha district after gaining custody over their animals. 'What did the complainants gain from troubling us?'
PHOTO • Akshay Nagapure
Left: The Rabari herders say their animals turned sickly at the kendra. Right: The caravan walking towards their settlement camp in Wardha district after gaining custody over their animals. 'What did the complainants gain from troubling us?'
PHOTO • Akshay Nagapure

डेरी: रबारी चरवाहा मन के कहना आय के कांजीहौस मं रखे गे ओकर मन के ऊंट बीमार पर गे रहिन. जउनि: अपन ऊंट वापिस पाय के बाद, चरवाहा मन के काफिला वर्धा जिला के अपन डेरा डहर जावत हवय. ‘शिकायत करेईय्या मन ला हमन ला हलाकान करके काय मिलिस?’

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खमरी के भाग बड़े आय के अभू तक ले जिंयत हवय.

कम्माभाई कहिथें के जब तक ले ओकर दू बछर के ये ऊंट पूरा तरीका ले बने नई होय जाय, तब तक ले ओकर ले समान नई दोहारवय.

दीगर ऊंट मन के संग, वो ह एक ठन रुख ले कुछेक दूरिहा मं बंधाय हवय, जिहां कम्माभाई ह जनवरी 2023 मं कपसा खेत के खाली परे हिस्सा मं डेरा डरे रहिस. खमरी ला बोइर के पाना बनेच जियादा भाथे. संगे संग वोला ये सीजन के फरेइय्या जामुन घलो भारी भाथे.

रबारी चरवाहा अऊ ओकर मवेसी महाराष्ट्र के वर्धा जिला के हिंगनघाट सहर ले करीबन 3 कोस दूरिहा नागपुर-आदिलाबाद हाइवे मं बसे एक ठन नान कं गाँव वानी के तीर डेरा डारे हवंय. ये समाज अपन छेरी, मेढ़ा अऊ ऊंट गोहड़ी के संग पच्छिम अऊ मध्य भारत के मंझा मं आवत-जावत रहे हवय.

Kammabhai’s goats (left), sheep and camels (right) at their dera near Wani, a small hamlet about 10 km from Hinganghat town in Wardha district
PHOTO • Jaideep Hardikar
Kammabhai’s goats (left), sheep and camels (right) at their dera near Wani, a small hamlet about 10 km from Hinganghat town in Wardha district
PHOTO • Jaideep Hardikar

वर्धा जिला के हिंगनघाट सहर ले करीबन 3 कोस दूरिहा, वानी के तीर डारे डेरा मं कम्माभाई के छेरी गोहड़ी (डेरी), मेढ़ा अऊ ऊंट (जउनी)

साल 2022 के होय खराब अनुभव ले गुजरे के बाद बांचे जिंयत ऊंट के बरोबर चेत धरे वो मन के मालिक मन देखभाल करत हवंय. कम्माभाई के आस हवय के ये ऊंट मं बांचे जिंयत रिहीं अऊ अपन उमर -18 बछर धन ओकर ले जियादा – के जिनगी ला जी लिहीं.

विदर्भ मं रबारी मन के मुखिया अऊ समाज डहर ले अदालत मं लड़ेइय्या, कम्मा के बड़े भाई मसरू रबारी कहिथें, “ये घटना ह हमन ला सहनले बहिर तकलीफ दे हवय. हमन ला हलाकान करके वो मन ला काय मिलिस?”

मशरु बताथें के वो अब येकर ऊपर सोच बिचार करत हवय के का वो मन ला हाई कोर्ट मं मामला लड़े ला चाही अऊ मुआवजा सेती दावा करे ला चाही.

पुलिस ह इही बखत अमरावती के सत्र अदालत के आगू आरोप पत्र दायर करे हवय, फेर मामला के सुनवाई होय अभी बाकी हवय. मशरु रबारी कहिथें, “हमन केस लड़बो.”

“हमर मान-सम्मान दांव मं परे हवय.”

अनुवाद: निर्मल कुमार साहू

Jaideep Hardikar

जयदीप हार्दिकर, नागपुर स्थित पत्रकार-लेखक हैं और पारी की कोर टीम के सदस्य भी हैं.

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Editor : Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

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Translator : Nirmal Kumar Sahu

Nirmal Kumar Sahu has been associated with journalism for 26 years. He has been a part of the leading and prestigious newspapers of Raipur, Chhattisgarh as an editor. He also has experience of writing-translation in Hindi and Chhattisgarhi, and was the editor of OTV's Hindi digital portal Desh TV for 2 years. He has done his MA in Hindi linguistics, M. Phil, PhD and PG diploma in translation. Currently, Nirmal Kumar Sahu is the Editor-in-Chief of DeshDigital News portal Contact: [email protected]

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