केंद्र सरकार द्वारा सितंबर, 2020 में संसद से पास करवाकर, कृषि क़ानून थोपने (जबकि कृषि राज्य का विषय है) के ख़िलाफ़ शुरू हुए किसानों के विरोध प्रदर्शन ने देश भर के कवियों और कलाकारों पर असर डाला है. यह कविता पंजाब से है, जो एक छोटे किसान के रोज़मर्रा के संघर्षों को देखकर उपजी कवि की पीड़ा है. कविता से प्रेरित इलस्ट्रेशन, बेंगलुरु के एक युवा कलाकार के हैं.
एक किसान की कथा
जोतना, बोना, उगाना और काटना
इन वादों पर मैं क़ायम हूं
जो मैंने पैरों को ज़मीन देने
वाली धरती से कर रखा है
ऐसा है मेरा यह जीवन...
शरीर की आख़िरी सांस तक
जिस मिट्टी को मैंने अपने पसीने
से सींचा
तूफ़ानों को अपने सीने पर सहा
कड़ाके की सर्दी हो या भयंकर
गर्मी
मेरी आत्मा को कभी डरा न सकी
ऐसा है मेरा यह जीवन....
शरीर कीआख़िरी सांस तक
प्रकृति जो नहीं कर सकी, सरकार
ने किया
मेरी आत्मा का पुतला लगाया
जैसे कि खेतों में बिजूका
अपने आनंद और उपहास के लिए
ऐसा है मेरा यह जीवन....
शरीर की आख़िरी सांस तक
गुज़रे दिनों में, फैले हुए थे
मेरे खेत
जहां होता था स्वर्ग और पृथ्वी
का मिलन
लेकिन अफ़सोस! अब मेरे पास बची
है
सिर्फ़ कुछ एकड़ ज़मीन, ताकि उतार
सकूं अपना क़र्ज़
ऐसा है मेरा यह जीवन...
मेरी आख़िरी सांस तक
मेरी फ़सल सुनहरी, सफ़ेद, और
हरी
लाता हूं बाज़ार में उम्मीदों
के साथ
उम्मीदें टूट जाती हैं और ख़ाली
हाथ लौटता हूं
मेरी ज़मीनों का हासिल यही है
अब
ऐसा है मेरा यह जीवन....जब तक
मृत्यु हां न कह दे
इस दुख से मुझे बाहर निकालने
को
भूखे, बिलखते, और पढ़ाई से दूर, बच्चे
बिखरे पड़े हैं जिनके सपने
छत के नीचे, बस मलबा है
शरीर टूट चुके हैं, बिखर चुकी
है आत्मा
ऐसा है मेरा यह जीवन....
शरीर की आख़िरी सांस तक
छिन गए सभी रत्न, आभूषण
ख़ाली पेट हैं, असहाय है आत्मा
लेकिन पूरे करने हैं मुझे अपने
वादे
भूख और ज़िंदगी का लालच मिटाने के लिए
ऐसा है मेरा यह जीवन....
शरीर की आख़िरी सांस तक
सुनहरी फ़सलें जो मैं काटता हूं
नहीं लेता उन्हें कोई व्यापारी
क़र्ज़ में डूबा, तनाव से घिर
इतना चुका हूं
बहुत मुश्किल से धड़कता है मेरा
दिल
ऐसा है मेरा यह जीवन....
शरीर की आख़िरी सांस तक
क्या कोई दूसरा रास्ता निकल सकता
है?
अब या तो फांसी लग जाए या हो
जाए क्रांति
हंसिया और दरांती अब सिर्फ़ औज़ार
नहीं
बन गए हैं अब वे हथियार
ऐसा है मेरा यह जीवन....
शरीर की आख़िरी सांस तक
अमृतसर के एक आर्किटेक्ट, जीना सिंह द्वारा मूल पंजाबी से अंग्रेज़ी में अनुवाद.
इलस्ट्रेटर अंतरा रमन, सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ़ आर्ट, डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु से विज़ुअल कम्युनिकेशन में स्नातक की पढ़ाई कर चुकी हैं. उनके इलस्ट्रेशन और डिज़ाइन की प्रैक्टिस पर वैचारिक कला और स्टोरीटेलिंग के सभी रूपों का गहरा प्रभाव है.
अंग्रेज़ी ऑडियो : सुधन्वा देशपांडे, जन नाट्य मंच से जुड़े अभिनेता और निर्देशक हैं. साथ ही, वे लेफ़्टवर्ड बुक्स के संपादक भी हैं.
अनुवाद : मोहम्मद क़मर तबरेज़