अशोक-तारे-छुट्टी-नहीं-मिली-दुनिया-को-कहा-अलविदा

Mumbai Suburban, Maharashtra

Oct 18, 2020

‘अगर उनका इलाज समय पर हो जाता, तो आज वह ज़िंदा होते’

कोविड-19 लक्षणों के बावजूद, मुंबई के एक सफ़ाईकर्मी अशोक तारे को किसी सुरक्षात्मक उपकरण के बिना ही काम करने पर मजबूर किया गया और छुट्टी देने से मना कर दिया गया. उनका परिवार मदद के लिए इधर-उधर भागता रहा, और 30 मई को उनकी मृत्यु होने के महीनों बाद भी मुआवजे का इंतज़ार कर रहा है

Author

Jyoti

Translator

Qamar Siddique

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Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।

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Jyoti

ज्योति, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की सीनियर रिपोर्टर हैं; वह पहले ‘मी मराठी’ और ‘महाराष्ट्र1’ जैसे न्यूज़ चैनलों के साथ काम कर चुकी हैं.