‘किसे पता था बारिश की कमी से मेरी कला भी मर जाएगी?’
महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से में स्थित केरले गांव के किसान और शिल्पकार संजय कांबले हाथ से इरलं (बांस के रेनकोट) बनाते हैं. हाथ से इन्हें बनाने की प्रक्रिया काफ़ी पेंचीदा होती है. पिछले कुछ दशक से बारिश में गिरावट और बाज़ार में मिलने वाले प्लास्टिक के रेनकोट ने उनके लिए अपनी कला को ज़िंदा रखना मुश्किल कर दिया है