where-will-we-go-leaving-everything-behind-hi

Birbhum, West Bengal

Jul 06, 2023

‘अपनी ज़मीन छोड़कर हम कहां जाएंगे?’

पश्चिम बंगाल के देवचा पाचामी कोयला खदान में महिलाएं अपनी ज़मीन और आजीविका बचाने के लिए जारी विरोध-प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं. एक चित्रकार अपने रेखाचित्रों के माध्यम से उनकी इस निर्णायक लड़ाई की कथा कहने का प्रयास करती है

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Labani Jangi

लाबनी जंगी साल 2020 की पारी फ़ेलो हैं. वह पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की एक कुशल पेंटर हैं, और उन्होंने इसकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल की है. लाबनी, कोलकाता के 'सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़' से मज़दूरों के पलायन के मुद्दे पर पीएचडी लिख रही हैं.

Editor

Sarbajaya Bhattacharya

सर्वजया भट्टाचार्य, पारी के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम करती हैं. वह एक अनुभवी बांग्ला अनुवादक हैं. कोलकाता की रहने वाली सर्वजया शहर के इतिहास और यात्रा साहित्य में दिलचस्पी रखती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.