‘हमारे साथ जो हुआ, अपनी पोती के साथ नहीं होने दूंगी’
पलायन की समस्या के चलते बीड के खेतिहर मज़दूर परिवार बाल विवाह के लिए विवश हो जाते हैं. मातृ मृत्यु दर एवं न्यून शिक्षा इसके परिणाम हैं. आर्वी गांव की विजया फरताडे का कहना है कि इस चलन को रोकना काफ़ी मुश्किल है
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
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Editor
Sharmila Joshi
शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.
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Translator
Karan Vanni
करन वाणी श्रीगंगानगर, राजस्थान के रहने वाले एक अनुवादक हैं. सरकारी एवं ग़ैर सरकारी संगठनों के लिए करन अनुवाद एवं लिप्यंतरण करते हैं.