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Virudhunagar, Tamil Nadu

Apr 02, 2024

पटाखा फ़ैक्ट्रियों में कब तक जलती रहेंगी दलित जानें?

जब शिवकाशी पटाखा फ़ैक्ट्री में एक दुर्घटना में 14 दलित श्रमिकों की जलकर दर्दनाक मौत हुई, वे अपने पीछे परिवार और प्रियजनों को छोड़ गए, जो उन पर निर्भर थे. सभी मृतक दिहाड़ी मज़दूर थे, जिन्होंने ख़राब सुरक्षा सावधानियों के साथ यह काम किया था, क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था

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Author

M. Palani Kumar

एम. पलनी कुमार पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के स्टाफ़ फोटोग्राफर हैं. वह अपनी फ़ोटोग्राफ़ी के माध्यम से मेहनतकश महिलाओं और शोषित समुदायों के जीवन को रेखांकित करने में दिलचस्पी रखते हैं. पलनी को साल 2021 का एम्प्लीफ़ाई ग्रांट और 2020 का सम्यक दृष्टि तथा फ़ोटो साउथ एशिया ग्रांट मिल चुका है. साल 2022 में उन्हें पहले दयानिता सिंह-पारी डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफी पुरस्कार से नवाज़ा गया था. पलनी फ़िल्म-निर्माता दिव्य भारती की तमिल डॉक्यूमेंट्री ‘ककूस (शौचालय)' के सिनेमेटोग्राफ़र भी थे. यह डॉक्यूमेंट्री तमिलनाडु में हाथ से मैला साफ़ करने की प्रथा को उजागर करने के उद्देश्य से बनाई गई थी.

Editor

Rajasangeethan

चेन्नई के रहने वाले राजासंगीतन एक लेखक हैं. वह एक प्रमुख तमिल समाचार चैनल में बतौर पत्रकार काम करते हैं.

Translator

Shobha Shami

शोभा शमी दिल्ली में काम करने वाली एक मीडिया प्रोफ़ेशनल हैं. वह लगभग 10 सालों से देश-विदेश के अलग-अलग डिजिटल न्यूज़ रूम्स में काम करती रही हैं. वह जेंडर, मेंटल हेल्थ, और सिनेमा आदि विषयों पर विभिन्न वेबसाइट्स, ब्लॉग्स, और सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स पर लिखती हैं.