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Palghar, Maharashtra

Jan 29, 2024

वसई में लोहे जैसा ढलता लोहार

लोहारों की सातवीं पीढ़ी से ताल्लुक़ रखने वाले राजेश चाफेकर किसानों, केला व नारियल उगाने वालों, कसाइयों, मछुआरों के काम आने वाले औज़ारों के साथ-साथ, घरों में काम आने वाले उपकरण बनाते हैं. उनके हाथ से बने ज़्यादातर औज़ार उनके ही डिज़ाइन किए होते हैं

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Author

Ritu Sharma

ऋतु शर्मा, पारी की लुप्तप्राय भाषाओं की संपादक हैं. उन्होंने भाषा विज्ञान में परास्नातक की पढ़ाई है, और भारत में बोली जाने वाली भाषाओं को संरक्षित और पुनर्जीवित करने की दिशा में कार्यरत हैं.

Author

Jenis J Rumao

जेनिस जे रुमाओ की दिलचस्पी भाषाविज्ञान में है और त्वरित शोध के माध्यम से संस्कृति व भाषा को समझने में गहरी रुचि है.

Editor

Sanviti Iyer

संविति अय्यर, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर कंटेंट कोऑर्डिनेटर कार्यरत हैं. वह छात्रों के साथ भी काम करती हैं, और ग्रामीण भारत की समस्याओं को दर्ज करने में उनकी मदद करती हैं.

Editor

Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.