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Mar 02, 2024

‘काम है मुश्किल; आय है कम’

सकुनी और गीता देवी हेहेगड़ा जंगल से साल के पत्ते इकट्ठा करती हैं, और उससे दोना और पत्तल बनाकर डाल्टनगंज में बेचती हैं. वे दोनों दोस्त एक-दूसरे के पड़ोस में रहती हैं और एक साथ ही कहीं आती-जाती हैं. उन्हें यह काम करते हुए दो दशक से भी ज़्यादा समय हो गया है और कम आमदनी के बावजूद वे इस काम को छोड़ नहीं सकतीं

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Author

Ashwini Kumar Shukla

अश्विनी कुमार शुक्ला, झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार हैं, और नई दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (2018-2019) से स्नातक कर चुके हैं. वह साल 2023 के पारी-एमएमएफ़ फ़ेलो हैं.

Editor

Sarbajaya Bhattacharya

सर्वजया भट्टाचार्य, पारी के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम करती हैं. वह एक अनुभवी बांग्ला अनुवादक हैं. कोलकाता की रहने वाली सर्वजया शहर के इतिहास और यात्रा साहित्य में दिलचस्पी रखती हैं.

Translator

Pratima

प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.