there-are-no-jobs-for-people-like-us-hi

Kathua, Jammu and Kashmir

Jul 19, 2023

‘हम जैसे लोगों के लिए नौकरियां कहां हैं?’

बकरवाल घुमंतू समुदाय के युवा लोग चरवाही के अपने पेशे को छोड़कर नौकरी और स्थायी घरों की उम्मीद में उच्च शिक्षा की तरफ़ आकर्षित हो रहे हैं

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Ritayan Mukherjee

रितायन मुखर्जी, कोलकाता के फ़ोटोग्राफर हैं और पारी के सीनियर फेलो हैं. वह भारत में चरवाहों और ख़ानाबदोश समुदायों के जीवन के दस्तावेज़ीकरण के लिए एक दीर्घकालिक परियोजना पर कार्य कर रहे हैं.

Author

Ovee Thorat

ओवी थोराट एक स्वतंत्र शोधकर्ता हैं, और घुमंतू जीवन व राजनीतिक पारिस्थितिकी में गहरी दिलचस्पी रखती हैं.

Editor

Punam Thakur

पूनम ठाकुर दिल्ली की एक स्वतंत्र पत्रकार हैं, जिन्हें पत्रकारिता और संपादन का पर्याप्त अनुभव है.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.

Editor

PARI Desk

पारी डेस्क हमारे संपादकीय कामकाज की धुरी है. यह टीम देश भर में सक्रिय पत्रकारों, शोधकर्ताओं, फ़ोटोग्राफ़रों, फ़िल्म निर्माताओं और अनुवादकों के साथ काम करती है. पारी पर प्रकाशित किए जाने वाले लेख, वीडियो, ऑडियो और शोध रपटों के उत्पादन और प्रकाशन का काम पारी डेस्क ही संभालता है.