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Ahmedabad, Gujarat

Mar 10, 2024

राजभोई समुदाय की रस्सी-निर्माताओं की उलझी हुई दुनिया

इस ख़ानाबदोश समुदाय की महिलाएं, फेंके गए कपड़ों के रेशों से सभी आकार की रस्सियां बनाती हैं. वे गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में जाकर इस तरह का फ़ाइबर ख़रीदती हैं और रात में ट्रेनों में राज्य भर में यात्रा करती हैं

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Author

Umesh Solanki

उमेश सोलंकी एक फोटोग्राफ़र, वृतचित्र निर्माता और लेखक हैं. उन्होंने पत्रकारिता में परास्नातक किया है और संप्रति अहमदाबाद में रहते हैं. उन्हें यात्रा करना पसंद है और उनके तीन कविता संग्रह, एक औपन्यासिक खंडकाव्य, एक उपन्यास और एक कथेतर आलेखों की पुस्तकें प्रकाशित हैं. उपरोक्त रपट भी उनके कथेतर आलेखों की पुस्तक माटी से ली गई है जो मूलतः गुजराती में लिखी गई है.

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Translator

Shobha Shami

शोभा शमी दिल्ली में काम करने वाली एक मीडिया प्रोफ़ेशनल हैं. वह लगभग 10 सालों से देश-विदेश के अलग-अलग डिजिटल न्यूज़ रूम्स में काम करती रही हैं. वह जेंडर, मेंटल हेल्थ, और सिनेमा आदि विषयों पर विभिन्न वेबसाइट्स, ब्लॉग्स, और सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स पर लिखती हैं.