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Palamu, Jharkhand

Sep 18, 2025

‘हमारे बाद कोई भेड़ नहीं पालेगा’

बढ़ते तापमान और गहराते जल संकट ने झारखंड के चरवाहों पर दबाव बढ़ा दिया है. यह राज्य जलवायु परिवर्तन के लिहाज़ से भारत के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में एक है. जहां एक समय था कि जब वे गांवों में उनके आगमन पर उनका स्वागत किया जाता था, लेकिन अब उनकी मौजूदगी पर कोई ध्यान नहीं देता

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Author

Ashwini Kumar Shukla

अश्विनी कुमार शुक्ला, झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार हैं, और नई दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (2018-2019) से स्नातक कर चुके हैं. वह साल 2023 के पारी-एमएमएफ़ फ़ेलो हैं.

Editor

Deeptesh Sen

दीप्तेश सेन, कोलकाता स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे हैं. उनकी दिलचस्पी 20वीं सदी के साहित्य, मनोविश्लेषण, सांस्कृतिक अध्ययन और खेल जगत में है. वह एक कवि भी हैं, और उनके कविताएं और लेख प्रमुख समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. उनकी कविताओं की किताब ‘हाउस ऑफ सॉन्ग' 2017 में राइटर्स वर्कशॉप द्वारा प्रकाशित की गई थी.

Photo Editor

Binaifer Bharucha

बिनाइफ़र भरूचा, मुंबई की फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र हैं, और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर फ़ोटो एडिटर काम करती हैं.

Translator

Pratima

प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.