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Bankura, West Bengal

Oct 26, 2024

सरकारी योजनाओं के बुलडोज़र तले पिसते अवाम के सपने

अपनी मिट्टी और लोगों से जुड़ा एक कवि, रोज़मर्रा के संघर्षों और सरकारी योजनाओं के बीच पिसते जीवन की विसंगतियों को आवाज़ देता है

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Author

Joshua Bodhinetra

जोशुआ बोधिनेत्र, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के भारतीय भाषाओं से जुड़े कार्यक्रम - पारी'भाषा के कॉन्टेंट मैनेजर हैं. उन्होंने कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी से तुलनात्मक साहित्य में एमफ़िल किया है. वह एक बहुभाषी कवि, अनुवादक, कला-समीक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं.

Editor

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.

Illustration

Aunshuparna Mustafi

अंशुपर्णा मुस्ताफी ने कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय से तुलनात्मक साहित्य में पढ़ाई की है. उनकी दिलचस्पी कहानी कहने के नए-नए तरीक़ों, यात्रा लेखन, विभाजन से जुड़ी कथाओं और स्त्री अध्ययन जैसे विषयों में है.

Translator

Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.