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Seraikela-Kharsawan, Jharkhand

Oct 02, 2024

‘सरायकेला छाऊ की आत्मा इसके मुखौटों में बसी है’

तीसरी पीढ़ी के शिल्पकार दिलीप पटनायक उन थोड़े कलाकारों में से हैं जो छाऊ की प्रस्तुति में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न मुखौटे तैयार करते हैं. अलग-अलग भावनाओं को दर्शाने वाले ये मुखौटे, झारखंड की इस नृत्य शैली का अभिन्न हिस्सा हैं

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Author

Ashwini Kumar Shukla

अश्विनी कुमार शुक्ला, झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार हैं, और नई दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (2018-2019) से स्नातक कर चुके हैं. वह साल 2023 के पारी-एमएमएफ़ फ़ेलो हैं.

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Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.