पारंपरिक तरीक़ों से हाथ से बनाई गई शहनाई की मांग में तेज़ी से आती गिरावट से निपटने के लिए कर्नाटक के मनकापुर गांव के एक 65 वर्षीय कारीगर ने अपने शिल्प को ज़िंदा रखने के उद्देश्य से अनेक नए और मौलिक तरीक़े आज़माए हैं
संकेत जैन, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहने वाले पत्रकार हैं. वह पारी के साल 2022 के सीनियर फेलो हैं, और पूर्व में साल 2019 के फेलो रह चुके हैं.
Editor
Sangeeta Menon
संगीता मेनन, मुंबई स्थित लेखक, संपादक और कम्युनिकेशन कंसल्टेंट हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.