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Pune, Maharashtra

Oct 19, 2023

‘मेरे पोते-पोती अपना घर ख़ुद बनाएंगे’

शांताबाई चव्हाण का परिवार महाराष्ट्र में अपना ख़ुद का स्थायी मकान बनाने और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ हासिल करने के लिए संघर्ष रहा है. उनकी जैसी ख़ानाबदोश जनजातियां आज भी अस्थायी घरों में रहने के लिए मजबूर हैं, जहां उन्हें बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं. जिस जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर वे स्थायी आवास की सुविधा पाने के अधिकारी होंगे उन्हें प्राप्त करना बहुत मुश्किल और ख़र्चीला है

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Author

Jyoti

ज्योति, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की सीनियर रिपोर्टर हैं; वह पहले ‘मी मराठी’ और ‘महाराष्ट्र1’ जैसे न्यूज़ चैनलों के साथ काम कर चुकी हैं.

Editor

Sarbajaya Bhattacharya

सर्वजया भट्टाचार्य, पारी के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम करती हैं. वह एक अनुभवी बांग्ला अनुवादक हैं. कोलकाता की रहने वाली सर्वजया शहर के इतिहास और यात्रा साहित्य में दिलचस्पी रखती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.