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Banswara, Rajasthan

Aug 11, 2024

पलायन के दुश्चक्र में फंसा बांसवाड़ा

राजस्थान के कुशलगढ़ में पलायन बढ़ता जा रहा है. शिक्षा की कमी, ग़रीबी और रोज़गार के अभाव के चलते यहां के भील आदिवासी काम की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं. अक्सर मजूरी देने में भी आनाकानी की जाती है, और उन्हें छला जाता है, लेकिन मज़दूर हेल्पलाइन के आने से बेहतरी की थोड़ी उम्मीद पैदा हुई है

Translator

Devesh

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Author

Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

Editor

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं. वह दशकों से ग्रामीण भारत की समस्याओं की रिपोर्टिंग करते रहे हैं और उन्होंने ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ तथा 'द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम' नामक किताबें भी लिखी हैं.

Translator

Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.