भारत में रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अक्षमता से जूझ रहे क़रीब 2 करोड़ 68 लाख लोग रहते हैं, और महाराष्ट्र के धाराशिव ज़िले में रहने वाले संगीतकार अनिल थोम्ब्रे का मानना है कि केंद्रीय बजट में अक्षमता से जूझते लोगों पर और ज़्यादा ध्यान देना चाहिए था
मेधा काले पुणे में रहती हैं और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे पर काम करती रही हैं. वह पारी के लिए मराठी एडिटर के तौर पर काम कर रही हैं.
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Editor
Sarbajaya Bhattacharya
सर्वजया भट्टाचार्य, पारी के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम करती हैं. वह एक अनुभवी बांग्ला अनुवादक हैं. कोलकाता की रहने वाली सर्वजया शहर के इतिहास और यात्रा साहित्य में दिलचस्पी रखती हैं.
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Translator
Pratima
प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.