विश्व डाक दिवस के मौक़े पर पारी ने एक ग्रामीण डाक कर्मचारी रेणुका प्रसाद से बातचीत की, जो अकेले ही छह गांवों में चिट्ठियां बांटते हैं. वह प्रतिदिन अपनी साइकिल से गांव-गांव जाते हैं और लोगों तक उनकी चिट्ठियां और काग़ज़ात पहुंचाते हैं. इस कठिन और श्रमसाध्य काम के बदले सरकार उन्हें पेंशन भी नहीं देती है
हनी मंजूनाथ, तुमकुरु स्थित टीवीएस अकादमी के छात्र हैं.
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Editor
PARI Education Team
हम ग्रामीण भारत और हाशिए के समुदायों पर आधारित कहानियों को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाने की दिशा में काम करते हैं. हम उन युवाओं के साथ मिलकर काम करते हैं जो अपने आसपास के मुद्दों पर रपट लिखना और उन्हें दर्ज करना चाहते हैं. हम उन्हें पत्रकारिता की भाषा में कहानी कहने के लिए प्रशिक्षित करते हैं और राह दिखाते हैं. हम इसके लिए छोटे पाठ्यक्रमों, सत्रों और कार्यशालाओं का सहारा लेते हैं, साथ ही साथ ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करते हैं जिनसे छात्रों को आम अवाम के रोज़मर्रा के जीवन और संघर्षों के बारे में बेहतर समझ मिल सके.
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Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.