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Jamui, Bihar

Oct 16, 2025

बिहार चुनाव: ‘मृतक’ आदिवासी मतदाताओं की कहानी

हाल ही में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान कई आदिवासी मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, और उन्हें 'मृतक’ रूप में चिह्नित किया गया है. इससे न केवल उनका मतदाता अधिकार ख़तरे में पड़ गया है, बल्कि वे उन सरकारी लाभों से भी वंचित हो सकते हैं जिन पर उनकी आजीविका निर्भर करती है

Photo Editor

Binaifer Bharucha

Translator

Pratima and Devesh

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Author

Umesh Kumar Ray

उमेश कुमार राय पहले व्यक्ति हैं जिन्हें तक्षशिला-पारी सीनियर फ़ेलोशिप (2025) के लिए चुना गया है. वह बिहार के स्वतंत्र पत्रकार हैं और हाशिए के समुदायों से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं. उमेश साल 2022 में पारी फ़ेलो भी रह चुके हैं.

Editor

Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

Photo Editor

Binaifer Bharucha

बिनाइफ़र भरूचा, मुंबई की फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र हैं, और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर फ़ोटो एडिटर काम करती हैं.

Translator

Pratima

प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.

Translator

Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.