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Bastar, Chhattisgarh

Oct 16, 2023

बस्तर: दहशत के साए में मृतकों की विदाई

छत्तीसगढ़ में ईसाई धर्म को मानने वाले आदिवासी परिवारों के लिए अपने परिवार के मृत सदस्यों का अंतिम संस्कार और मृत्योपरांत रीति-रिवाज़ करना मुश्किल और चुनौतियों से भरा काम बन गया है. स्थानीय दक्षिणपंथी समूह मृतक को गांव की सीमा और आसपास के इलाक़े में दफ़नाने के साथ-साथ अन्य कर्मकांड करने से पहले उनपर हिन्दू धर्म अपनाने का दवाब डालते हैं

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Author

Parth M.N.

पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.

Editor

Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.